देवकीनंदन ठाकुर के भागवत कथा में ‘नो तिलक-नो एंट्री’ के नियम ये बवाल, बांग्लादेश पर बयान से गरमाया माहौल

जयपुर. प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की जयपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंडाल में ‘नो तिलक-नो एंट्री’ नियम लागू होने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. कथास्थल के गेटों पर पोस्टर चस्पा कर साफ लिखा है नो तिलक-नो एंट्री. बिना तिलक वाले श्रोताओं को प्रवेश से रोका जा रहा है, जबकि गेट पर ही तिलक लगाने की व्यवस्था की गई है. मंच से ठाकुर जी ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि तिलक लगाने से आज्ञा चक्र सक्रिय होता है, व्यक्ति विवेकवान बनता है. यह सनातन परंपरा का प्रतीक है.
गैर-सनातनी लोग सामूहिक कार्यक्रमों में बहनों-बेटियों पर बुरी नजर रखने आते हैं. दांडिया या देवी पंडालों में उनका फोकस देवी या नृत्य पर नहीं, बल्कि अमीर घर की लड़कियों पर होता है. उनकी रक्षा समाज की जिम्मेदारी है. कथा के दौरान ठाकुर जी ने बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा की पड़ी है. मंदिर तोड़े जा रहे, महिलाओं का अपमान हो रहा. वहां जो हिंदुओं के साथ हो रहा, वैसा हम यहां बांग्लादेशियों के खिलाफ न करें, लेकिन भारत में रह रहे संदिग्ध बांग्लादेशियों को पुलिस के हवाले कर दें.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर सेना को धन्यवाद दिया
उन्होंने कहा कि सच्चे सनातनी तय करें कि किसी बांग्लादेशी को काम पर न रखें. भारत सरकार से सख्त रुख अपनाने की भी मांग की. ठाकुर जी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर सेना को धन्यवाद दिया और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद की जननी है. चोर पर नहीं, चोर की मां पर प्रहार करो. पंडाल में उत्तेजना चरम पर रही. श्रद्धालुओं ने भारत माता की जय, बांग्लादेश हाय-हाय और पाकिस्तान हाय-हाय के जोरदार नारे लगाए. पांडाल में भारी भीड़ उमड़ी है. कुछ जगह बांग्लादेश हाय-हाय के नारे तेज हुए. ठाकुर जी ने मथुरा-काशी विवाद पर भी बोला. उन्होंने कहा कि बाबर या औरंगजेब का बाप मथुरा नहीं गया, हमारा कृष्ण गया, मथुरा हमारा रहेगा.
पहले भी ठाकुर जी दे चुके हैं विवादास्पद बयान
यह पहली कथा बताई जा रही जहां ऐसा सख्त नियम लागू हुआ. आयोजकों का कहना है कि बहनों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. विपक्षी दलों ने इसे भड़काऊ बताया, जबकि हिंदू संगठनों ने समर्थन किया. अब यह सोशल मीडिया पर भी वीडियो वायरल हो रहे हैं. इसको लेकर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. ठाकुर जी की कथाएं हमेशा विवादास्पद रहती हैं. पहले भी जनसंख्या नियंत्रण, सनातन बोर्ड जैसे मुद़्दों पर बयान देकर विवादों के घेरे में आ चुके हैं. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि सनातन की रक्षा जरूरी है. बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई हो. कथा सुनने के लिए लोग तिलक लगवाकर प्रवेश करे हैं और कथा जारी है. हालांकि विवाद बढ़ रहा है. बांग्लादेश में हालिया हिंदू नरसंहार ने माहौल बनाया. ठाकुर जी ने इस मसले को लेकर यूनाइटेड नेशंस को पत्र लिखा है. फिलहाल जयपुर पुलिस निगरानी बढ़ा दी है. वहीं कथा आयोजक विश्व शांति सेवा ट्रस्ट से जुड़े हैं.



