बच्चा हो गया है ओवर एग्रेसिव? बात-बात पर करता है गुस्सा? जानें इसकी वजह और मैनेज करने का सिंपल तरीका
Hidden Reasons For Aggression In Children: तनाव केवल बड़े ही नहीं, बच्चे भी झेलते हैं. बच्चों के तनाव को कम करने की जिम्मेदारी पेरेंट्स आसानी से कर सकते हैं. लेकिन कई बार माता-पिता ही बच्चों को मानसिक रूप से बीमार बनाने का काम कर देते हैं. यही नहीं, आसपास का माहौल, माता- पिता का बच्चों या अन्य लोगों के साथ बर्ताव भी उनके बिहेव को काफी प्रभावित करता है. यही नहीं, कई बार बच्चों का खान-पान भी इसकी वजह बन जाता है. तो आइए जानते है कि बच्चे क्यों एग्रेसिव हो जाते हैं और बच्चों के गुस्से को मैनेज करने का सिंपल तरीका क्या हो सकता है.
बच्चों के गुस्सैल होने की वजह(Hidden Reasons For Aggression In Children)
मूड डिसऑर्डर की वजहचाइल्ड माइंड इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जिन बच्चों में बाइपोलर इश्यू हैं वे बड़ी आसानी से एग्रेसिव हो जाते हैं और सेल्फ कंट्रोल खो बैठते हैं. वे बड़ी आसानी से चिड़चिड़े हो जाते हैं और छोटी छोटी बातें उन्हें परेशान करने लगती है.
स्ट्रेस और एंग्जायटीबड़े ही नहीं, बच्चे भी तनाव और एंग्जायटी के शिकार हो रहे है. इसकी कई वजहें हैं. अगर आप उनकी तुलना किसी से करते रहते हैं, हर वक्त उनकी कमियां गिनाते रहते हैं, उनकी बुराइयों के बारे में ही चर्चा करते हैं तो यह उसे एग्रेसिव बना सकता है. यही नहीं, स्कूल में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाना भी इसकी वजह हो सकता है.
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अधिक स्क्रीन टाइमअगर बच्चा बहुत अधिक टीवी, मोबाइल, वीडियो गेम पर समय गुजार रहा है तो यह भी बच्चे को मेंटली थकाने का काम करता है और मूड स्विंग की परेशानी होने लगती है. अधिक स्क्रीन टाइम से बच्चे एग्रेसिव महसूस करने लगते हैं.
हाइपर एग्रेसिव पेरेंटिंगअगर बच्चे के माता-पिता हाइपर एग्रेसिव हैं और बात-बात पर लड़ते-झगड़ते रहते हैं तो उनके बच्चों में भी यह बिहेव आने लगता है और वे मिसबिहेव करना और गुस्सा दिखाना सीख लेते हैं.
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बच्चों को अधिक रोक-टोकअगर आप अपने बच्चे को ओवर मैनेजिंग कर रहे हैं तो यह बच्चे के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है. ऐसा करने से उनका आत्मविश्वास तो कम होता ही है, वे ओवर एग्रेसिव हरकतें भी करने लगते हैं.
खराब खान-पानअगर बच्चा कम उम्र से ही काफी मात्रा में मीठी चीजें खाता है तो इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और इससे बच्चों में डिसऑरिएंटेशन की परेशानी शुरू हो जाती है.
मैनेज करने का सिंपल तरीका–उन्हें स्विमिंग, मार्शल आर्ट, डांस आदि में डालें और सोते वक्त कहानी सुनाना, संगीत सुनाना, मंत्रों का जाप करना जैसी एक्टिविटी से जोड़ें.-आप रात के वक्त बच्चे के पेट पर सॉफ्ट टॉय रखें और पेट से सांस लेने बोलें. बच्चे को खिलौने को ऊपर-नीचे करने के लिए कहें.-एक लाइन पर चलना, ताली बजाना, उछल-कूद करना, घर में कुश्ती करना, सामान को पेंट करना, तेज दौड़ना, जोर से हंसना जैसी एक्टिविटी कराएं.
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FIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 19:32 IST