फूस के ढेर पर बच्चे का जन्म: वकील दम्पति और लोगों ने की मदद- अखबार-घासफूस की ली आड़; साथ नहीं था कोई
निराला समाज टीम
कूड़े के ढेर के पास बच्चे को जन्म देने के बाद महिला (काली ओढ़नी में) और मदद करती महिला सुचित्रा।
डीग में एक महिला ने सोमवार सुबह कचरे के ढेर पर बच्चे को जन्म दिया। महिला के साथ उसके परिवार का कोई बड़ा सदस्य नहीं था, उसकी आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और दोनों को अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल दोनों की स्थिति ठीक है। महिला हरियाणा की रहने वाली है।
घटना डीग में सोमवार सुबह 6 बजे की है। महिला घाटी खानपुर से कामां पहुंची थी। उसके साथ दो बेटे और एक बेटी थी। तीनों बच्चों के अलावा महिला के साथ कोई नहीं था। कोसी चौराहा के पास दर्द से कराहती महिला वहीं कचरे के ढेर पर लेट गई।
महिला और उसका नवजात बच्चा कामां अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों की हालत ठीक है।
मदद के लिए आगे आई वकील की पत्नी एडवोकेट संजय ने बताया- मेरा घर कोसी चौराहे के पास है। मेरे घर बड़ी बहन आई हुई थी। सुबह बहन को बस में बैठाने के लिए मैं और पत्नी सुचित्रा चौराहे पर गए थे। सुबह 5 बजे बहन को बस में बैठा दिया था। इसके बाद पैदल घर लौटते वक्त कोसी चौराहे के पास महिला के कराहने की आवाज सुनी।
महिला को प्रसव शुरू हो चुका है। हम वहां पहुंचे तो कुछ और लोग आ चुके थे लेकिन किसी ने मदद नहीं की। वहां कोई कपड़ा भी नहीं था। सुचित्रा ने आसपास पड़े अखबार और घास-फूस जुटाया और बच्चे को ढंका। प्रसव होने तक वह महिला को हिम्मत देती रही।
मैंने दो बार एम्बुलेंस के लिए 104 नंबर पर डायल किया, लेकिन किसी ने रिस्पॉन्स नहीं दिया। इसके बाद अपने दोस्त ओमप्रकाश को फोन पर जानकारी दी। ओमप्रकाश ने मौके पर एंबुलेंस भिजवाई। इस दौरान सुबह 6 बच्चे का जन्म हो गया था।
संजय और सुचित्रा ने महिला को कामां हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां उसे ट्रीटमेंट दिया गया। महिला और उसके बच्चे की हालत अब ठीक है। एम्बुलेंस आई, तब तक डिलीवरी हो चुकी थी।
एडवोकेट संजय और उनकी पत्नी सुचित्रा ने की महिला की सहायता।
हरियाणा के पुन्हाना इलाके की है महिला कामां अस्पताल के डॉक्टर सोहित सिंघल (फिजिशियन) ने बताया- महिला और बच्चे की हालत स्वस्थ है। महिला हरियाणा के पुन्हाना इलाके की रहने वाली है। महिला के घर का पता पूछकर उसके घर सूचना दे दी गई थी। महिला ने अपना नाम साहुनी और पति का नाम जाकिर बताया। उसने इतना बताया कि तीन बच्चों के साथ वह घाटी खानपुर से कामां आई थी।
पति पहुंचा कामां- बोला चारों बच्चे और पत्नी सुरक्षित
पति जाकिर बोला- पत्नी कल (रविवार) दोपहर 2 बजे तीन बच्चों को लेकर घर से निकल गई थी। मेरे 5 बेटे बेटी हैं। बड़ा बेटा 15-16 साल का है। वह वहीं मेरे पास था। मैं जब काम से लौटा तो उसने शाम 4 बजे मुझे बताया कि मां घर पर नहीं है।
वह किसी की बाइक लेकर पूरे गांव में घूमा लेकिन पता नहीं चला। रात 12 बजे पत्नी की बड़ी बहन के घर जाकर जानकारी दी। उसने सास-ससुर को बताया। कल पूरे दिन पूरी रात पत्नी को खोजते रहे लेकिन पता नहीं चला।आज सुबह फोन पर मैसेज आया कि आपकी पत्नी कामां हॉस्पिटल में है। उसके बेटा हुआ है।
मैं यहां कामां हॉस्पिटल आया। तीनों बच्चे, पत्नी और चौथा बच्चा, सब सुरक्षित हैं। मेरी पत्नी पहले भी कई बार घर से बिना बताए निकल चुकी है। शादी के कुछ दिन बाद ही उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। मेंटल हॉस्पिटल में इलाज भी कराया। नीम-हकीम और प्राइवेट डॉक्टरों को भी दिखाया, लेकिन फायदा नहीं हुआ।
19 साल से उसकी ऐसी ही हालत है। मैं अपना खाना खुद बनाता हूं। बच्चों को संभालता हूं। फिलहाल कार ड्राइवरी का काम करता हूं। कल रात से कुछ खाया पीया भी नहीं हूं।