जोधपुर के काजरी में देश का पहला एग्री ईको टूरिज्म पार्क, जहां मिट्टी, विज्ञान और प्रकृति का है अनोखा संगम!

Last Updated:October 31, 2025, 15:21 IST
Jopdhpur News Hindi : जोधपुर का केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) अब एग्री ईको टूरिज्म का नया आकर्षण बन गया है. करीब आठ हैक्टेयर में फैले इस पार्क में 45 प्रजातियों के कैक्टस, 150 एलोवेरा और दुर्लभ पौधों के साथ मिट्टी की अनोखी लेयर दिखाई गई है, जिससे आगंतुक खेती, विज्ञान और प्रकृति के गहरे संबंध को करीब से समझ सकते हैं.
ख़बरें फटाफट
जोधपुर : कृषि और प्रकृति की अनूठी दुनिया को करीब से समझने का एक नया ठिकाना बन चुका है जोधपुर का केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी (CAZRI). यहां विकसित किया गया है देश का पहला एग्री ईको टूरिज्म पार्क, जहां विज्ञान, पर्यावरण और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. करीब आठ हैक्टेयर में फैले इस पार्क में आपको मिलेंगे ऐसे पौधे, जो शायद आपने कभी देखे भी न हों. पनीर बनाने वाला “पनीर बंध”, नमक तैयार करने वाला “खारा लूणा” और सोमरस बनाने वाला “सोमलता” ये सब यहीं अपनी अनोखी छटा बिखेर रहे हैं. यही नहीं, यहां के “नाग चंपा” के पत्ते सांप के फन की तरह दिखाई देते हैं, जो हर आगंतुक को चौंका देते हैं. अमेरिका और मैक्सिको के रेगिस्तानों से आए पौधे भी यहां राजस्थान की मिट्टी में खिलखिला रहे हैं.
वैज्ञानिक डॉ. सौरभ स्वामी के अनुसार, पार्क में 45 प्रजातियों के कैक्टस, 150 से अधिक एलोवेरा, और 14 तरह की घासों के साथ-साथ रेगिस्तान में लुप्त हो चुकी कई प्रजातियां भी सुरक्षित रखी गई हैं. यहां बने सेंड ड्यून्स मॉडल से आगंतुकों को समझाया जाता है कि कैसे टिब्बों का स्थिरीकरण किया जाता है. इस पार्क की विशेषता यह भी है कि यहां देश के छह अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी को तीन लेयर में दिखाया गया है, ताकि छात्र और किसान यह जान सकें कि एक ही पौधा हर मिट्टी और मौसम में नहीं पनप सकता.
मिट्टी को जानना बहुत जरूरी काजरी में वैज्ञानिक डॉ. सौरभ स्वामी ने बताया कि काजरी ने इस एग्री इको टूरिज्म पार्क को तैयार किया है. वे बताते हैं कि यह उत्तर भारत का पहला ऐसा पार्क है, जहां मैक्सिको, गुजरात, पंजाब और राजस्थान के सूखे क्षेत्रों में होने वाले पेड़-पौधों को लगाया गया है. इस पार्क में इन राज्यों में होने वाली खेती, वहां का ईको सिस्टम को दिखाया गया है, जिससे लोग यहां आए और प्रकृति के ईको सिस्टम को समझ सकें. किताबों से हटकर यहां मिट्टी की इन लेयर को जमीन पर उसी तरह से बिछाया है, जिस तरह से वह जमीन के अंदर होती है. मिट्टी की जानकारी देने का एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों को पता चल सके कि मिट्टी कितनी आवश्यक है. साथ ही एक ही पौधा हर मिट्टी और वातावरण में नहीं उग सकता.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
October 31, 2025, 15:21 IST
homerajasthan
जोधपुर में बना देश का पहला एग्री ईको टूरिज्म पार्क, प्रकृति से रूबरू होंगे लोग



