Rajasthan

मंदिर के चारों तरफ श्मशान घाट, 1200 साल पुराना इतिहास, महादेव से जुड़ी है कई चमत्कारी कहानियां

उदयपुर. सावन का पवित्र महीना चल रहा है, और इसी अवसर पर हम आपको उदयपुर शहर के करीब स्थित एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. यह मंदिर पांच गांवों के श्मशान के बीच स्थित है, और इसकी स्थापना लगभग 1200 वर्ष पूर्व हुई थी. यह मंदिर वामेश्वर महादेव के नाम से विख्यात है, कहा जाता है कि मां भगवती स्वयं यहां पूजा-अर्चना किया करती थीं. शहर से करीब सात किमी दूर बड़गांव पंचायत के पालड़ी गांव में वामेश्वर महादेव मंदिर करीब 1200 साल पुराना है.

शिवलिंग स्वयंभू बताया जाता है, जो संवत 873 में यानी 1208 साल पहले प्रकट हुआ था. फिर मंदिर बनाया गया.मंदिर के पास प्राचीन शिलालेख है, जिसे पढ़कर कुछ साल पहले पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने इस मंदिर की प्राचीनता और ऐतिहासिकता की पुष्टि की थी.

महाराणा हम्मीर के समय हुई थी मंदिर की स्थापनापंडित पवन व्यास ने बताया कि भगवान वामेश्वर की पूजा कई पीढ़ियां करती आ रही हैं. मंदिर की विशेषता है ये कि शक्ति ऊपर की तरफ है ओर महादेव नीचे की ओर.शिवलिंग पुराने चट्टाननुमा पत्थर से बना हुआ स्वयंभू है. शक्ति स्वरूप महाकाली का मंदिर सामने मामूली ऊंचाई पर है. यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना महाराणा हम्मीर के समय की गई थी.

मंदिर से जुड़ी किंवदंती भी है.रियासतकाल में एक बार चोरों ने दरबार के घोड़े चुराए और उन्हें यहां कुंड में नहाने के लिए छोड़ दिया.जैसे ही घोड़े बाहर निकले तो उनका रंग बदल गया. अप्रत्याशित दृश्य देखकर चोर भाग गए,यह कुंड अभी भी अस्तित्व में है.दूसरी ओर गर्भ ग्रह में यज्ञ मंडप में अनुष्ठान किए जाते हैं. जन्माष्टमी पर यहां पर मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.

Tags: Local18, Rajasthan news, Udaipur news

FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 13:07 IST

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