The daughter of this Rajasthan village became a pilot after taking training in New Zealand, when she reached the village for the first time, she was welcomed like this

जोधपुर:- जोधपुर के बालेसर की रहने वाली एक बेटी काजल जब इंडिगो में पायलट बनने के बाद पहली बार अपने गांव पहुंची, तो परिवार सहित पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. काजल जब अपने गांव बालसेर पहुंची, तो इस दौरान सभी ने काजल का फूल मालाओं के साथ सम्मान किया. गांव तिबणा में पहली बार पायलट बनने पर काजल सुथार (22) का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. सम्मान समारोह में सैकड़ो की तादाद में ग्रामीणों ने उसको बधाई देते हुऐ माल्यार्पण कर स्वागत किया और उसका मुह मीठा करवाकर बधाई दी.
आपको बता दें कि काजल निवासी तिबणा इंडिगो में पायलट बनी हैं. काजल के पिता फताराम मुम्बई में फर्नीचर और मार्बल का व्यापार करते हैं. उसकी माता गृहणी हैं. काजल ने न्यूजीलैंड से पायलट बनने की ट्रेनिंग ली. इस मौके पर अचलाराम सुथार, रमेश सुथार, लक्ष्मण सुथार, नरेन्द्र सिंह, हितेश सुथार, विनोद सुथार सहित कई लोगों ने बधाई दी.
12 से 14 घंटे पढाई कर किया मुकाम हासिलकाजल ने बचपन से ही यह सपना देख रखा था कि इस मुकाम तक पहुंचना है और आज जब वह इस मुकाम को हासिल कर पाई, तो उनकी भी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. उनके मन में यह इच्छा भी थी कि न्यूजीलैंड से ही पायलट की ट्रेनिंग लू. कजाल बताती हैं कि 12 से 13 घंटे उन्होंने पढाई की. कभी समय ऐसा भी रहता था कि खाना भी नहीं खा पाती थी, मगर फोकस एक ही अपने ड्रिम की ओर था कि किस तरह पायलट बनकर अपने गांव और परिवार का नाम रोशन करूं. लोगों को भी यह कहना चाहूंगी कि वह जो सपना देखें और मेहनत करें, तो वह जरूर सफल होता है.
परिवार और गांव में खुशी का माहौलबालेसर की ग्राम पंचायत तिबणा निवासी काजल सुथार के इंडिगो में पायलट बनने पर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. काजल के सम्मान समारोह के लिए गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मार्ल्यापण कर काजल का स्वागत किया और पायलट बनने पर बधाई दी. इस आयोजित कार्यक्रम में मानो ऐसा लगा कि काजल का परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा था. हर कोई काजल की इस कामयाबी को लेकर जहां उत्साहित नजर आया, तो वहीं काजल ने न्यूजीलैंड में पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद इस तरह का मुकाम हासिल किया. खुशी इस तरह की थी कि वहां पर काजल को बधाईयों के लिए फोन तक आने लगे.
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FIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 12:00 IST