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शेयर मार्केट की गिरावट ने निगल लिया सारा पैसा? तो वॉरेन बफेट से समझिए शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म निवेश का तरीका

Last Updated:January 29, 2025, 11:31 IST

शेयर बाजार में हुई ताजा गिरावट के चलते जेन ज़ी (Gen Z) की 40 फीसदी संपत्ति लगभग खत्म हो चुकी है. दुनिया के बड़े निवेशक वॉरेन बफेट ने वह इकलौता नियम बताया है, जिसे फॉलो करके अमीर बना जा सकता है. लेकिन 1996 के बा…और पढ़ेंशेयर बाजार में काम करता है इकलौता नियम, जिसे फॉलो न करके बर्बाद हो रही Gen Z

निवेश में गलतियां ही नुकसान की वजह बनती हैं.

हाइलाइट्स

जेन ज़ी की 40% संपत्ति शेयर बाजार में गिरावट से खत्म हुई.वॉरेन बफेट ने सही निवेश का तरीका बताया.जल्दी अमीर बनने की चाहत को बफेट ने जुआ कहा.

दुनिया के सबसे महान निवेशकों में से एक वॉरेन बफेट ने हाल ही में एक चौंकाने वाली चेतावनी जारी की है. उनके अनुसार, हाल के बाजार में आई गिरावट के कारण जेन ज़ी (Gen Z) की 40 फीसदी संपत्ति लगभग खत्म हो चुकी है. यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई, क्योंकि युवा निवेशक एक गंभीर गलती कर रहे हैं. बफेट का कहना है कि समस्या निवेश करने में नहीं है, बल्कि निवेश करने के तरीके में है. उन्होंने यही गलती डॉट-कॉम बबल के दौरान भी देखी थी, जब युवा निवेशकों ने सट्टेबाजी और निवेश के बीच का अंतर नहीं समझा था. Gen Z से मतलब है 1997 के 2012 के बीच पैदा होने वाली जेनरेशन.

बफेट के अनुसार, सट्टेबाजी का मतलब है कि आप पैसा इस उम्मीद में लगा रहे हैं कि कोई और आपसे ज्यादा कीमत पर उसे खरीदेगा. यही चीज आज सोशल मीडिया पर हो रही है. कमीशन-फ्री ट्रेडिंग ऐप्स के आने से निवेश एक तरह का खेल बन गया है. जेन ज़ी (Zen Z) के निवेशक औसत निवेशकों की तुलना में 25% अधिक ट्रेडिंग करते हैं. इसका मुख्य कारण है, “जल्दी अमीर बनने का जुनून”. लेकिन बफेट चेताते हैं कि यह निवेश नहीं, बल्कि जुआ है. और जुए में हमेशा हाउस (House) की जीत होती है.

समझाया निवेश का सही मतलब, जिसे लोग जानते तक नहींअसली निवेश, बफेट के अनुसार, यह है कि आप पैसा इस उम्मीद में लगाएं कि भविष्य में उस संपत्ति से आपको रिटर्न मिलेगा. यह किसी ट्रेंड को फॉलो करने या शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट कमाने के बारे में नहीं है, बल्कि एक बिजनेस के मालिक बनने के बारे में है. बफेट का मानना है कि सही कंपनियों को चुनने के साथ-साथ धैर्य रखना भी जरूरी है. उनका पसंदीदा होल्डिंग पीरियड है – “हमेशा के लिए”. क्यों? क्योंकि वे जानते हैं कि बाजार में समय देना, बाजार का समय निकालने से बेहतर है.

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बफेट का ट्रैक रिकॉर्ड इस बात का सबूत है. 1965 से 2020 तक, बर्कशायर हैथवे की बुक वैल्यू ने 19 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की, जबकि एसएंडपी 500 ने केवल 10.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया. उनका कहना है कि नई पीढ़ी को भी इसी तरह की रणनीति अपनानी चाहिए. उनके अनुसार, निवेश की शुरुआत इंडेक्स फंड्स से करनी चाहिए, जैसे कि लो-कॉस्ट S&P 500 फंड. साथ ही, सभी डिविडेंड्स को दोबारा निवेश करना चाहिए और निवेश को ऑटोमेट करना चाहिए. बफेट का कहना है, “जितना ज्यादा आप ट्रेड करेंगे, उतना कम कमाएंगे.” यही शेयर बाजार में पैसा बनाने का इकलौता नियम है.

पैसा बचाना तो कोई बफेट से सीखेबफेट का लाइफस्टाइल भी उनके निवेश के सिद्धांतों को दर्शाता है. वे आज भी उसी घर में रहते हैं, जिसे उन्होंने 1958 में 31,500 डॉलर में खरीदा था. तब 100 डॉलर का मतलब लगभग 500 रुपये हुआ करता था. मतलब कि बफेट ने उस समय लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये में वह घर खरीदा. वे मैकडॉनल्ड्स में कूपन के साथ नाश्ता करते हैं. उनका मानना है कि सबसे अच्छा निवेश खुद में करना है, और इसके लिए पूंजी की जरूरत होती है. इसलिए, वे हमेशा अपने खर्चों को नियंत्रित रखते हैं.

बफेट का एक और महत्वपूर्ण सिद्धांत है – अपने ज्ञान में निवेश करना. वे अपने दिन का 80 प्रतिशत समय पढ़ने में बिताते हैं. वे शेयर की कीमतों को देखने या ट्रेंड्स को फॉलो करने में समय नहीं लगाते, बल्कि अलग-अलग बिजनेसों के बारे में सीखते हैं. उनका मानना है कि किसी स्टॉक को सिर्फ इसलिए नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि वह ट्रेंड में है, बल्कि इसलिए खरीदना चाहिए क्योंकि आप उस बिजनेस को समझते हैं. अगर बाजार 10 साल के लिए बंद भी हो जाए, तो भी आपको उस कंपनी को होल्ड करने में खुशी महसूस होनी चाहिए.

मनोरंजन नहीं है निवेशबफेट के इन सिद्धांतों को समझना और उन्हें अपनाना जेन ज़ी के लिए बेहद जरूरी है. आज के दौर में, जहां सोशल मीडिया और ट्रेडिंग ऐप्स ने निवेश को एक तरह का मनोरंजन बना दिया है, बफेट की सलाह और भी प्रासंगिक हो जाती है. उनका कहना है कि धन कमाने का मतलब जल्दी अमीर बनना नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे गरीब न होना है. यही वह मंत्र है, जो बफेट के निवेश फिलॉसफी को समय से परे बनाता है.

भारत पर कैसे लागू होगा बफेट का सूत्रभारतीय संदर्भ में देखें तो, यह सिद्धांत और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. भारत में युवाओं की एक बड़ी आबादी है, जो निवेश की दुनिया में नए-नए कदम रख रही है. क्रिप्टोकरेंसी, पेनी स्टॉक्स और इंट्राडे ट्रेडिंग जैसे ट्रेंड्स ने युवाओं को आकर्षित किया है. लेकिन बफेट की सलाह है कि इन चीजों से दूर रहें और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें. भारतीय बाजार में भी इंडेक्स फंड्स और ब्लू-चिप कंपनियों में निवेश करना एक सुरक्षित और स्मार्ट विकल्प हो सकता है.

बफेट का संदेश साफ है- निवेश एक मैराथन है, न कि स्प्रिंट. इसमें धैर्य, अनुशासन और ज्ञान की आवश्यकता होती है. यदि जेन ज़ी इस फिलॉसफी को अपनाए, तो वे न केवल अपनी खोई हुई संपत्ति को वापस पा सकते हैं, बल्कि भविष्य में एक सुरक्षित और समृद्ध जीवन भी बना सकते हैं.


Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 28, 2025, 17:59 IST

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