सब्जियों के घटते दामों ने किसानों की बढ़ाई चिंता, बोले लागत भी निकालना मुश्किल, 1 से 2 रुपए किलो पहुंची टमाटर की कीमत
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Last Updated:February 19, 2025, 14:58 IST
Agriculture News: किसान इन दिनों काफी परेशान नजर आ रहे हैं. गोभी और टमाटर के दाम न मिल पाने की वजह से उनकी लागत तक निकलना मुश्किल हो रही है. किसान कह रहे हैं, कि जो टमाटर इस समय 50 से 60 रुपए किलो बिकता था वो इ…और पढ़ेंX
मंडियों में रखे टमाटर
हाइलाइट्स
टमाटर और गोभी के दाम गिरने से किसान परेशानकिसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा हैसब्जियों के भाव गिरने से भारी नुकसान हो रहा है
नागौर. सब्जी उत्पादक किसान इन दिनों मायूस नजर आ रहे हैं. सब्जियों के भाव इस कदर गिर गए हैं कि लागत भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है. जबकि करीब डेढ़-दो महीने पहले टमाटर 10 गुना अधिक भावों में बिक रहा था. इतना ही नहीं यही स्थिति गोभी की है. अच्छे उत्पादन को लेकर किसानों के बड़े अरमान थे, पर अब भाव अब कम होने से टमाटर-गोभी खेतों में ही पक कर सड़ रहे हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.
40 से 50 रुपए किलो की सब्जी 4 रुपए पर आईआपको बता दें कि नागौर जिले के कुछ इलाकों में सब्जियों का उत्पादन होता है. यहां विभिन्न स्थानों के व्यापारी सब्जियां खरीदने की रुचि रखते हैं, पर सब्जियों का बंपर उत्पादन होने के बावजूद सब्जियों के भाव लुढ़कने से जिले के किसान मायूस नजर आ रहे हैं. जो टमाटर करीब डेढ़ महीने पहले किसानों से 40 से 50 रुपए प्रतिकिलो खरीदे जा रहे थे, अब 4 रुपए प्रतिकिलो पर ही आ गए हैं. यही स्थिति गोभी की है. गोभी भी 3 रुपए प्रति किलो ही किसानों से खरीदी जा रही है. ऐसे में किसानों को मुनाफा तो दूर फसल तुड़वाई, सिंचाई तथा मंडी तक लाने का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में ज्यादातर किसानों ने फसल को तोड़ना ही बंद कर दिया. अब टमाटर-गोभी खेतों में पक कर सड़ रहे हैं. गोभी को पशुओं को खिला रहे हैं.
दो बीघा खेत में 50 हजार तक का खर्चपत्ता गोभी की खेती करने वाले किसान मांगू राम ने बताया कि दो बीघा खेत में पत्ता गोभी लगाने में 45 से 50 हजार रुपए तक खर्च आता है. खेत में अगस्त के पहले सप्ताह में पत्ता गोभी की नर्सरी लगाई. जो सितंबर के आखिरी सप्ताह में खेत में लगाई गई. इसमें 50 हजार में बौज, खाद, फर्टिलाइजर, निराई गुड़ाई व खेत को जोतने तक का खर्च शामिल हैं. वहीं पत्ता गोभी का उत्पादन 25 नवंबर से चालू है. किसान ने आगे बताया कि अब उत्पादन बहुत ज्यादा हो रहा है. लेकिन गोभी उत्पादक किसानों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं. आगे वे बताते हैं, कि अपने खेत में करीब दो बीघा खेत में पत्ता गोभी की फसल लगाई थीं.
किसानों का खर्च निकलना भी हुआ मुश्किल वहीं उन्नत किसान बजरंग चौधरी ने बताया कि इस बार टमाटर की फसल ने, भाव नहीं मिलने से कमर तोड़ दी है. वे कहते हैं, कि जून के आखिरी सप्ताह में टमाटर की नर्सरी लगाई थी. जो अगस्त के आखिरी सप्ताह में खेत में लगाई गई. जिसका खर्च 60 हजार रुपए के करीब आया. इसमें बीज, खाद, फर्टिलाइजर, निराई गुड़ाई व खेत को जोतने तक का खर्च शामिल हैं. आगे वे बताते हैं, कि इसी के साथ ही इसमें 45 हजार रुपए की सर्दी से बचाव के नेट जिसमें बांस की लकड़ी व तार का खर्च भी शामिल है.
वाहन का किराया निकालना भी मुश्किलइतना ही नहीं, आगे वे बताते हैं, कि इसी के साथ घर के 4 या 5 सदस्य खेत में हमेशा काम करते रहते हैं. उनकी मजदूरी जोड़ें तो खर्च और बढ़ सकता है. ये सब करने के बाद जो टमाटर इस समय 50 से 60 रुपए किलो बिकता था वो इस बार 1 से 2 प्रति किलो में बिक रहा है. वे बताते हैं, कि खेत से तोड़कर मंडी में लेकर जाते हैं तो खरीदारी नहीं मिलते. बड़ी उम्मीद लेकर टमाटर बेचने आए थे, 60 रुपए बिकने वाला हाइब्रिड टमाटर 1 से 2 रुपए किलो बिक रहा हैं. ऐसे में वाहन का किराया भी निकलना मुश्किल हो रहा हैं.
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
February 19, 2025, 14:57 IST
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टमाटर और गोभी के घटते दामों से किसान परेशान, बोले लागत निकालना भी मुश्किल!