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बदल रहा है राजस्थान का रेगिस्तान, पुराने पक्षी गायब, नए मेहमान बसा रहे हैं घोंसले

Last Updated:July 26, 2025, 07:07 IST

Rajasthan Desert Bird: बीकानेर के रेगिस्तानी इलाके में पक्षियों की प्रजातियों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर स्थानीय डेजर्ट बर्ड्स जैसे गोडावण और मैक्वीन बस्टर्ड लुप्त हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर …और पढ़ें

हाइलाइट्स

रेगिस्तान से गायब होते जा रहे हैं डेजर्ट बर्डनई प्रजाति की पक्षियों का हो रहा है आगमनबढ़ने लगी है लाल गर्दन वाले आईबीएस पक्षी की संख्याबीकानेर. रेगिस्तानी इलाका बीकानेर में अब नए तरह की पक्षी आने लगे हैं, लेकिन डेजर्ट पक्षी तो लुप्त होने की कगार पर हैं. वहीं बीकानेर के आस-पास के इलाकों से पक्षी अपना दायरा बढ़ा रहे हैं और वे यहां अपना आशियाना यानी घोंसला बनाकर रह भी रहे हैं. एक तरह से इन पक्षियों को अब रेगिस्तानी इलाका रास आने लगा है. इस इलाके में दूसरी जगह से पक्षी आने का मुख्य कारण है कि यहां फसल बढ़ने से अन्य पक्षी भी आते हैं. कीट विविधता और बीज मिलने से दोनों तरह के पक्षी भी आ रहे हैं. बीकानेर के जोड़बीड़ में इन दिनों 10 से 15 नई प्रजातियां देखने को मिल रही है.

राजकीय डूंगर महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रताप सिंह ने बताया कि बीकानेर का मरू इलाका गिद्धों, शिकारी पक्षी बाज के लिए काफी प्रसिद्ध है. लेकिन अब पिछले पांच सालों में कई ऐसी प्रजातियां देखी गई है, जो यहां नहीं मिलती थी वो अब इस इलाके में आने लगी है. केटल इंग्रेट यानी मवेशी बगुला पक्षी जो करीब 20 साल पहले एक या दो दिखाई देते थे, लेकिन अब सैकड़ों में इनकी संख्या दिखाई देने लगे हैं.

विवर बर्ड की बढ़ने लगी है संख्या

उन्हाेंने बताया कि रेड नेपेड इबिस यानी लाल गर्दन वाला आईबीएस पक्षी की भी संख्या बढ़ने लगी है. इसके अलावा बहुत सारे ऐसे पक्षी भी हैं, जो लगातार इस इलाके में दिखने शुरू हो गए हैं. गोल्डन ओरियोल यानी भारतीय पीलक पक्षी भी दिखने लगे हैं. इसके साथ ही विवर बर्ड यानी बुनकर पक्षी भी यहां बड़ी संख्या में अपने घोंसले बना रहे हैं. यह पक्षी पिछले तीन से चार वर्षों में बीकानेर का रेगिस्तानी इलाका काफी पसंद आया है.  इन पक्षियों के अलावा काला फ्रेंकोलिन, पाइड मैना यानी चितकबरा मैना, रेड टर्टल डव यानी कछुआ कबूतर, रॉबिन पक्षी, सामान्य क्रेन भी अब दिखाई देने लगी है. साथ ही इस इलाके में जलीय पक्षी भी दिखाई देने लगे हैं.

उन्होंने बताया कि हरियाणा, गंगानगर, चूरू सहित इन इलाकों से यह पक्षी अब बीकानेर के रेगिस्तान इलाकों में अपना विस्तार कर रहे है.  बीकानेर में जलवायु परिवर्तन की वजह से पक्षियों का आना शुरू हुआ है. इसके अलावा इस इलाके में इंदिरा गांधी नहर है. इस नहर ने रेगिस्तान की पारिस्थितिकी को बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया है. इस इलाके में डेजर्ट के पक्षी मिलते थे, वो अब यहां नहीं दिखाई देते है. गोडावण, मैक्वीन बस्टर्ड, सेंट ग्रूज पक्षी, जो रेगिस्तानी इलाके के पक्षी हैं,  अब इस इलाके से लुप्त होते जा रहे है. उन्होंने बताया कि इन रेगिस्तानी पक्षियों के लुप्त होने के बड़ा कारण है कि रेगिस्तान में बहुत सारे पेड़ है जो बड़ी संख्या में लगाए जा रहे है.

Location :

Bikaner,Rajasthan

homerajasthan

रेगिस्तान के इकोसिस्टम पर मंडरा रहा खतरा, गायब होते जा रहे डेजर्ट बर्ड

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