करवाने आया था बेटे का इलाज, डॉक्टर ने कर दी पिता की सर्जरी, नाम सुन हाथ उठाना पड़ गया महंगा

Last Updated:April 17, 2025, 12:10 IST
राजस्थान के कोटा मेडिकल कॉलेज से बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां डॉक्टर्स ने मरीज की जगह अटेंडेंट की ही सर्जरी कर डाली. जब गलती का अहसास हुआ तो टांके लगाकर उसे बाहर भेज दिया.
गलत इंसान के हाथ में लगा दिया फिस्टुला बनाने का चीरा (इमेज- फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
कोटा मेडिकल कॉलेज में बड़ी लापरवाही सामने आईडॉक्टर्स ने मरीज की जगह अटेंडेंट की सर्जरी कर दीजांच कमिटी का गठन कर मामले की जांच की जा रही है
लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने कई सरकारी अस्पताल खोले हैं. यहां प्रदेश के बेस्ट सर्जन को रखा जाता है. मकसद है गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना. चूंकि उनके पास बेहतर इलाज के लिए पैसे नहीं होते, इस कारण सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में इलाज के लिए यहां भीड़ लगी रहती है. लेकिन जब यही लापरवाही बरती जाती है तो मरीजों के साथ ही साथ उनके साथ आए अटेंडेंट की जान भी मुश्किल में पड़ जाती है.
कोटा के मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में डॉक्टर्स द्वारा की गई ऐसी ही एक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां डॉक्टर्स ने मरीज की जगह अटेंडेंट बन अस्पताल आए शख्स की सर्जरी कर डाली. जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो शख्स के चीरे पर टांके लगाकर उसे ओटी से बाहर बिठा दिया. मामला 12 अप्रैल का ही है. लेकिन अब जाकर शिकायत की गई, जिसके कारण मामले का खुलासा हुआ.
एक जैसे नाम से हुई कंफ्यूजनजानकारी के मुताबिक, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में जगदीश नाम के शख्स की सर्जरी होनी थी. डायलिसिस के लिए उसके हाथ में फिस्टुला बनाना था. ऑपरेशन थियेटर के बाहर ही मरीज बैठा था. जब स्टाफ ने जगदीश नाम पुकारा तो दूसरे मरीज के साथ आए अटेंडेंट, जिसका नाम भी जगदीश था, ने हाथ ऊपर कर दिया. इसके बाद स्टाफ ने बिना आईडी देखे उसे बेहोश कर दिया और ओटी में ले जाकर हाथ में चीरा लगा दिया. फिस्टुला बनाने से पहले ही इस कन्फ्यूजन का पता चल गया, जिसके बाद डॉक्टर्स ने टांके लगाए और उसे बाहर बिठा दिया.
बैठाई गई जांच कमिटीइस मामले के उजागर होते ही मेरठ मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता सक्सेना ने बताया कि उन्होंने जांच टीम का गठन कर दिया है. वहीं इस मामले पर वैस्कुलर सर्जन डॉ राजेंद्र महावर ने कहा कि ये गलत जानकारी है. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. लेकिन मरीज और उसके घरवालों का कहना है कि मैनेजमेंट ने मामले को दबाने की कोशिश की थी. लेकिन अब इसे लेकर शिकायत दर्ज करवा दी गई है. जांच कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाई की जाएगी.
First Published :
April 17, 2025, 10:59 IST
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करवाना था बेटे का इलाज, डॉक्टर ने कर दी पिता की सर्जरी, हाथ उठाना पड़ गया महंगा