Steam Engine: पाली में 200 साल पुराने स्टीम इंजन की लगी प्रदर्शनी, जिले के इतिहास का रहा है गवाह, देखने के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 15, 2025, 18:57 IST
Steam Engine: पाली जिले में वन विभाग ने 200 साल पुराना भाप इंजन को रिनोवेट कर डिस्प्ले किया है. यह इंजन जोधपुर दरबार की घास कटाई के लिए उपयोग होता था. क्षेत्र में इसके प्रदर्शन से लोग पाली के बीते इतिहास को जान…और पढ़ेंX
अंग्रेजों के जमाने के समय का भाप का इंजन
हाइलाइट्स
पाली में 200 साल पुराने स्टीम इंजन की प्रदर्शनीइंजन जोधपुर दरबार की घास कटाई के लिए होता था उपयोगवन विभाग ने इंजन को रिनोवेट कर डिस्प्ले किया
पाली. शायद ही किसी को पता हो कि पाली जिला एक समय जोधपुर दरबार की घास कटाई का मुख्यालय हुआ करता था. यहां से जितनी भी घास काटी जाती थी, वह जोधपुर दरबार के जोधपुर लांसर्स की घोड़ों की यूनिट की फीड के लिए लाई जाती थी. इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए उस वक्त अंग्रेजों के जमाने में एक विशेष भाप से चलने वाले इंजन का उपयोग किया जाता था.
वन विभाग के कार्यालय के बाहर 200 साल पुराने इंजन का डिस्प्ले आज जब इस इंजन पर वन विभाग की नजर पड़ी, तो आमजन को इतिहास और प्रक्रिया समझाने के उद्देश्य से इस 200 साल पुराने इंजन को रिनोवेट करके वन विभाग के कार्यालय के बाहर डिस्प्ले किया गया है. इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी और पाली उपवन संरक्षक पी. बालामुरुगन ने इस इंजन के पीछे की महत्वपूर्ण कहानी को समझाया.
अंग्रेजों के समय के इंजन की है खास कहानी इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी और पाली उपवन संरक्षक पी. बालामुरुगन ने लोकल-18 को बताया कि इस इंजन के पीछे एक महत्वपूर्ण कहानी है. पाली एक समय में जोधपुर दरबार की घास प्रोसेसिंग का मुख्यालय हुआ करता था. गुडा हैंडला फॉरेस्ट ब्लॉक जो जोधपुर दरबार की घास प्रोसेसिंग का मुख्यालय था और पाली से जितनी भी घास काटी जाती थी, वह जोधपुर महाराजा के जोधपुर लांसर्स की घोड़ों की यूनिट की फीड के लिए यहां से भेजी जाती थी. इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए जोधपुर दरबार द्वारा कई जगहों से मशीनें इंपोर्ट की जाती थीं और वही मशीन देसूरी फॉरेस्ट ब्लॉक में भी पड़ी थी. लोगों को जागरूक करने के लिए देसूरी से इस मशीन को यहां फॉरेस्ट कार्यालय के सामने रिनोवेट करके डिस्प्ले में रखा गया है. यह इंजन लगभग 200 साल पुराना है.
200 साल पुराना अंग्रेजों के जमाने का इंजन अंग्रेजों के जमाने में निर्मित भाप से चलने वाला यह इंजन हमारे वन क्षेत्र के जंगलों में जंग खा रहा था. इसके जरिए घास काटने की मशीन को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जाता था. जंगल में लगभग 200 साल पुराना यह इंजन बताया जा रहा है. जब वन विभाग के अधिकारियों की नजर इस पर पड़ी, तो वे इसे उठाकर जिला मुख्यालय ले आए. अब वन विभाग ने इसे रिनोवेट कर अपने कार्यालय में सेंटर पॉइंट पर प्रदर्शित किया है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है.
पाली के इतिहास का प्रचार करने के लिए किया गया डिस्प्ले इंग्लैंड की जेसप कंपनी से निर्मित रैनसम सिम्स एंड जेफरीज स्टीम थ्रैशिंग मशीन के इंजन का उपयोग उस दौर में राजा घास कटाई के लिए करते थे. एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने के लिए पटरियां ही सहारा थीं. अब वन विभाग द्वारा इसे रिनोवेट करने के साथ ही पाली के लोग इसके इतिहास और प्रक्रिया को समझ सकें, इसके लिए डिस्प्ले किया गया है. इंजन की लंबाई लगभग 7-8 फीट, चौड़ाई लगभग 2-3 फीट, ऊंचाई लगभग 8-10 फीट है. वन विभाग ने पीपीएल कंपनी के साथ मिलकर इसे रिनोवेट करवाया है.
First Published :
February 15, 2025, 18:56 IST
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पाली में भाप इंजन देखने के लिए लगी लोगों की भीड़, 200 साल पुराना है इसका इतिहास