15 दिन तक लगातार किसान ने देखा सांप, फिर जब पुजारी ने बताई सच्चाई, पूरा परिवार करने लगा खेत की खुदाई!
सीकर:- जिले के प्रचार गांव में एक अनोखा बालाजी महाराज का मंदिर मौजूद है. यह मंदिर सीकर व जयपुर के अंतिम सीमा पर मौजूद है. इस मंदिर में आने वाले भक्तों की मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जाने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस मंदिर की खास बात ये है कि इस मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश्वर धाम महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री की तरह समस्याओं का समाधान बताते हैं. इस मंदिर में बालाजी महाराज की ध्वजा और नारियल के अलावा किसी प्रकार का चढ़ावा नहीं लिया जाता है. भक्तों के अनुसार मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा बताई गई बात हमेशा सही साबित होती है.
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु सीकर के पचार गांव में स्थिति यह मंदिर लगभग सैकड़ों साल पुराना है. यहां के पुजारी धन सिंह शेखावत हैं. मंदिर झाड़ी वाले बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है. दूर-दूर से लोग यहां बालाजी महाराज की झंडी पर नारियल लेकर आते हैं और झाड़ी के झंडी बांधकर अपनी समस्या बालाजी मंदिर के पुजारी धन सिंह को बताते हैं.
जमीन के अंदर दबा हुआ था मंदिरमंदिर के पुजारी धन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. वे कई दशकों से इस मंदिर की देख-रेख कर रहे हैं. जब वे मंदिर की देख-रेख नहीं करते थे, तब बालाजी महाराज के प्रति गहरी आस्था थी. जब उन्होंने किसानी का काम शुरू किया, तब लगभग 15 दिन तक उन्हें अलग-अलग जगह पर सांप दिखाई दिए, जिसके बाद बड़े महंत को इसके बारे में बताया, तो महंत ने बताया कि आपके घर के क्षेत्र में एक मंदिर है, जो मिट्टी के अंदर दबा हुआ है. उसे बाहर निकालो और उसकी देख-रेख करो.
मंदिर के पुजारी तन सिंह शेखावत और उनके परिवार ने उस मंदिर को एक झाड़ी के पेड़ के नीचे से निकाला और वहां पूजा अर्चना करने लगे. बालाजी महाराज का मंदिर झाड़ी के नीचे मिलने के कारण इस मंदिर को झाड़ी वाले बालाजी के नाम से जाना जाता है.
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लोगों की मंदिर के प्रति है अटूट आस्थालोगों की झाड़ी वाले बालाजी के प्रति अटूट आस्था है. हर मंगलवार और शनिवार को यहां दरबार लगता है, जिसमें बालाजी महाराज के भक्त झंडी व नारियल लेकर आते हैं और मंदिर पुजारी धन सिंह से अपनी समस्या बताते हैं. कहा जाता है कि मंदिर पुजारी धन सिंह जो बात उनको बताते हैं, वह उनको बालाजी महाराज बताते हैं. इसी आस्था और अटूट विश्वास के कारण मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का जमावड़ा लगता है. यहां क्षेत्र सहित अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं. यहां भक्तों से उनकी मनोकामना पूर्ण होने पर चंदा आया दान नहीं लिया जाता है. मंदिर पुजारी के अनुसार, लोगों द्वारा यहां पर लाखों रुपए चढ़ावा भेजा जाता है, लेकिन उसे नहीं लिया जाता है. उनका कहना है कि बालाजी महाराज को देने वाला कोई नहीं है, बल्कि बालाजी महाराज सबको देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 11:44 IST
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