Rajasthan Chunav Result: राजस्थान में आदिवासी समाज के नए ‘राजकुमार’ का उदय, जानें कौन है?

जयपुर. राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर-बांसवाड़ा इलाके में नए नेता का उदय हो रहा है. यह युवा नेता है राजकुमार रोत. महज 26 साल की उम्र में विधायक बनने वाले राजकुमार रोत अब बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. रोत ने इस इलाके के दिग्गज आदिवासी नेता माने जाने वाले महेन्द्रजीत मालवीय को करीब ढाई लाख वोटों से शिकस्त दी है. मालवीय लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में आए थे.
बीजेपी ने मालवीय के इलाके में प्रभाव को देखते हुए उनको लोकसभा चुनाव में उतारा था लेकिन 31 साल के राजकुमार उन पर भारी पड़ गए. रौत इससे पहले विधानसभा चुनाव में इलाके की बीजेपी के एक और दिग्गज नेता को करारी हार का स्वाद चखा चुके हैं. छात्र जीवन से एनएसयूआई के जरिए राजनीति में प्रवेश करने वाले राजकुमार साल 2014 में इसके जिलाध्यक्ष बने.
26 साल की उम्र में पहली बार में ही विधायक बनेडूंगरपुर के चौरासी इलाके के खरबरखुनिया गांव के इस युवा ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बैनर तले चौरासी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. वे महज 26 साल की उम्र में पहली बार में ही विधायक बन गए. लेकिन रौत कुछ बड़ा करना चाहते थे. लिहाजा उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले उन्होंने बीटीपी से नाता तोड़कर अपनी खुद की भारत आदिवासी पार्टी बना ली.
पहली ही चुनाव में पार्टी के तीन प्रत्याशी जीतेरौत ने 2023 का विधानसभा चुनाव अपनी पार्टी से लड़ा और आदिवासी बाहुल्य इस इलाके में करीब एक दर्जन अन्य सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए. रौत ने इस चुनाव में चौरासी विधानसभा सीट से बीजेपी की दिग्गज नेता सुशील कटारा को 69 हजार वोटों से हराया. रोत ने इससे पहले भी सुशील कटारा को ही हराया था लेकिन तब जीत का अंतर कम था. कटारा बीजेपी राज में मंत्री रह चुके हैं और इलाके के कद्दावर नेता माने जाते हैं. इस चुनाव में राजकुमार की पार्टी ने चौरासी के साथ ही डूंगरपुर की आसपुर और प्रतापगढ़ के धरियावाद सीट पर भी अपने प्रत्याशी जीताए. वहीं आधा दर्जन सीटों के इस पार्टी प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे.
कांग्रेस को करना पड़ा रौत से गठबंधनउसके बाद रौत ने इस बार अपनी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा. इस बीच बीजेपी ने कद्दावर नेता महेन्द्रजीत मालवीय को चुनाव मैदान में उतार दिया. कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिला. रौत अपने टीम के साथ डटे. हालात देखकर कांग्रेस ने रोत की पार्टी को इंडिया गठबंधन में शामिल कर उनको समर्थन दे दिया. चुनाव परिणाम आए तो मालवीय को करारी हार का सामना करना पड़ा.
राजकुमार ने करीब ढ़ाई लाख के अंतर से मालवीय को हरायाराजकुमार रोत ने 2,47,054 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीता है. इसके साथ ही मालवीय की छोड़ी गई बागीदौरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी अपनी पार्टी का परचम लहरा दिया. इससे उनकी पार्टी के फिर से 3 विधायक हो गए हैं. अब वे खुद की चौरासी सीट से इस्तीफा देंगे. उसके बाद भी उनकी इस सीट के लिए होने वाले उपचुनाव पर नजर रहेगी.
(इनपुट- जयेश पंवार)
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FIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 10:16 IST