सात महीने में 25 बार दुल्हन बनी युवती, हर बार ससुराल में बनाती थी खीर, खाते ही बर्बाद हो जाता था दूल्हा!

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजस्थान के सवाई माधोपुर की मानटाउन थाना पुलिस ने एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए कुख्यात ‘लुटेरी दुल्हन’ अनुराधा पासवान को गिरफ्तार किया है. 23 वर्षीय अनुराधा, जो उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के कोल्हुई बाजार की रहने वाली है, पर आरोप है कि उसने 7 महीनों में 25 मासूम पुरुषों से फर्जी शादियां रचाकर लाखों रुपये की ठगी की. वह हर बार नया नाम, नई पहचान और नया शहर चुनती थी और शादी के कुछ दिनों बाद नकदी, जेवर और कीमती सामान लेकर फरार हो जाती थी. सवाई माधोपुर पुलिस ने चतुराई से जाल बिछाकर उसे भोपाल के छोला इलाके से धर दबोचा.
क्या है पूरा मामला?अनुराधा पासवान ने अपनी शातिर योजना के तहत एक संगठित गिरोह के साथ मिलकर फर्जी शादियों का जाल बिछाया था. वह खुद को गरीब, असहाय और बेसहारा लड़की के रूप में पेश करती थी, जिसका भाई बेरोजगार है. शादी के इच्छुक पुरुषों को फंसाने के लिए वह दलालों, जैसे पप्पू मीना और सुनीता यादव, के जरिए संपर्क करती थी. ये दलाल 2 से 5 लाख रुपये में सौदा तय करते और फर्जी दस्तावेजों के साथ शादी करवाते थे. एक ऐसा ही मामला सवाई माधोपुर के विष्णु शर्मा के साथ हुआ, जिन्होंने 20 अप्रैल 2025 को अनुराधा से शादी की. शादी के 12 दिन बाद, 2 मई को, अनुराधा ने विष्णु और उनके परिवार को खाने में नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश किया और 1.25 लाख रुपये के जेवर, 30,000 रुपये नकद और 30,000 रुपये का मोबाइल लेकर फरार हो गई थी.
पुलिस की चतुर रणनीतिविष्णु की शिकायत पर मानटाउन थाने में 3 मई 2025 को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया. थानाधिकारी सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में ASI मीठालाल यादव की टीम ने अनुराधा की तलाश शुरू की. सूचना मिली कि वह भोपाल के काला पीपल पन्ना खेड़ी में गब्बर नाम के व्यक्ति से शादी कर उसके साथ रह रही थी. पुलिस ने एक कॉन्स्टेबल को नकली दूल्हा बनाकर दलालों से संपर्क किया. दलाल ने अनुराधा की तस्वीर दिखाई, जिसे विष्णु के मामले से मिलान कर पुलिस ने उसे भोपाल में गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता चला कि अनुराधा ने 7 महीनों में औसतन हर 8वें दिन शादी रचाई और ठगी की.
गिरोह का खुलासा और जांचपुलिस ने पाया कि अनुराधा एक बड़े फर्जी शादी गिरोह की सक्रिय सदस्य थी. वह भोपाल में रोशन, सुनीता, रघुवीर, गोलू और मजबूत सिंह यादव जैसे एजेंटों के साथ काम करती थी. ये लोग शादी के इच्छुक पुरुषों को फोटो दिखाकर 2-5 लाख रुपये वसूलते थे. अनुराधा के मोबाइल से एक मैसेज मिला, जिसमें उसने एक एजेंट को धमकाते हुए कहा, “जल्दी मेरी शादी करवा रहे हो या किसी और से बात करूं?” इससे साफ हुआ कि वह गिरोह की मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक थी. पुलिस अब अन्य सहयोगियों की तलाश में छापेमारी कर रही है और ठगे गए अन्य पीड़ितों से संपर्क कर रही है.
सामाजिक और कानूनी पहलूयह मामला समाज में शादी जैसे पवित्र बंधन के दुरुपयोग को उजागर करता है. अनुराधा ने अपने शिकार के रूप में उन पुरुषों को चुना, जो सामाजिक दबाव या उम्र के कारण शादी के लिए बेताब थे. विष्णु जैसे लोग, जो ठेला चलाकर गुजारा करते हैं, ने कर्ज लेकर शादी की, लेकिन उन्हें धोखा मिला. IPC की धारा 420 और 406 के तहत दोषी पाए जाने पर अनुराधा को 7 साल तक की सजा हो सकती है. पुलिस ने चोरी गए जेवर और नकदी की बरामदगी शुरू कर दी है.