The history of the ancient temple of Khetlaji is related to the story of the marriage of King Viram Dev Ji…

जालौर:- जालोर किले पर स्थित खेतलाजी का प्राचीन मंदिर जालोर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में से एक अनमोल रत्न है. यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि विशेष रूप से माली समाज के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. खेतलाजी को राजस्थान के प्रमुख लोक देवताओं में से एक माना जाता है, जिन्हें उनके भक्त संकटों और कठिनाइयों में सहायता करने वाले रक्षक के रूप में पूजते हैं. इस मंदिर की अद्वितीयता इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व में छिपी है, जो इसे पूरे क्षेत्र में एक विशेष स्थान प्रदान करती है. खेतलाजी का मंदिर जालोर किले की पहाड़ी पर स्थित है, जिससे यह पूरे क्षेत्र पर दृष्टि रखता है. इसकी ऊंचाई से यहां की भव्यता और सुंदरता का अनुभव होता है, जो इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाता है. इस मंदिर के पास प्राचीन कोलर बावड़ी भी बनी हुई है.
अनोखी है यहां की कहानीपुजारी भोमाराम ने लोकल 18 को बताया कि यह मंदिर माली समाज के इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ है. एक प्राचीन कथा के अनुसार, जब जालोर में माली समाज का कोई अस्तित्व नहीं था, तब विरम देव जी की शादी के अवसर पर विशेष निमंत्रण देकर जैसलमेर से कुछ माली यहां आए. ये माली “चालों” के रूप में जाने जाते थे और इसी दौरान खेतलाजी बावड़ी पर प्रकट हुए. यह एक चमत्कारी घटना मानी जाती है, जिसके बाद माली समाज ने इस स्थान को अपनी आस्था का केंद्र मान लिया और यहां खेतलाजी की पूजा-अर्चना करने लगे.
मंदिर में हर वर्ष भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्थानीय लोग और दूर-दूर से आए भक्त शामिल होते हैं. यह मेला न केवल धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करता है, बल्कि इसे स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी उत्सव माना जाता है. इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो इस मंदिर की महत्ता को और बढ़ाते हैं.
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धार्मिक और ऐतिहासिक महत्वखेतलाजी मंदिर का धार्मिक महत्व और इसके साथ जुड़ी ऐतिहासिक मान्यताएं इसे जालोर की सांस्कृतिक धरोहरों में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती हैं. यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थान है, बल्कि जालोर की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है. यहां आकर भक्तगण न केवल अपनी आस्था को साकार करते हैं, बल्कि इस स्थान की ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक गहराई का भी अनुभव करते हैं. जालोर का खेतलाजी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का वाहक भी है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 14:26 IST
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