9500 से ज्यादा गायों का घर! भरतपुर के इस गौधाम में बनते हैं देशी प्रोडक्ट, विदेशों में भी भारी मांग

Last Updated:March 02, 2025, 15:17 IST
भरतपुर के जड़खोर गौधाम ने हजारों गायों को आश्रय देकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. यहां स्वदेशी उत्पाद बनाकर संचालन किया जाता है, बायोगैस प्लांट से ऊर्जा उत्पन्न होती है, और यह पर्यावरण संरक्षण व स्थानीय रोज…और पढ़ेंX
गौशाला में निर्मित प्रोडक्ट
मनीष पुरी/भरतपुर – भरतपुर और डीग जिले के मेवात क्षेत्र में स्थित जड़खोर गौधाम न केवल गौ सेवा का एक प्रमुख केंद्र है, बल्कि आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल भी पेश कर रहा है। प्रसिद्ध कथावाचक श्री राजेंद्र दास जी महाराज मलूक पीठ द्वारा स्थापित इस गौधाम ने बीते 14 वर्षों में हजारों गायों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया है। यहां वे गायें रहती हैं, जो गौ तस्करी से मुक्त कराई गई हैं या लावारिस अवस्था में छोड़ी गई थीं। वर्तमान में गौधाम में लगभग 9,500 से अधिक गायों का संरक्षण किया जा रहा है।
गायों की देखभाल और संचालनगौधाम में गायों की देखभाल के लिए 400 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। यह केवल एक आश्रय स्थल नहीं है, बल्कि गौ आधारित अर्थव्यवस्था का एक बेहतरीन उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
स्वदेशी उत्पादों से आत्मनिर्भरतागौधाम में गायों के दूध, मूत्र और गोबर से 40 से अधिक प्रकार के स्वदेशी उत्पाद बनाए जाते हैं। इनमें प्रमुख रूप से-
घी
दंत मंजन
धूपबत्ती और अगरबत्ती
फिनाइल
जैविक लकड़ी
इन उत्पादों की भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भारी मांग है। इनकी बिक्री से प्राप्त धनराशि से गौशाला का संचालन किया जाता है, जिससे यह स्थान आत्मनिर्भर बना हुआ है।
बायोगैस प्लांट से ऊर्जा उत्पादनगौधाम में बायोगैस प्लांट भी संचालित किया जा रहा है, जिससे उत्पन्न गैस का उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है। इससे न केवल गौशाला की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति होती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलता है।
गौ सेवा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदानगौधाम को विभिन्न गौ सेवा संगठनों और संस्थानों से कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। इसे गौ सेवा का मंदिर भी कहा जाता है, जहां न केवल गायों की सुरक्षा की जाती है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।
स्थानीय रोजगार और पर्यावरण संरक्षणभरतपुर की जड़खोर गौधाम का यह मॉडल गौ सेवा, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं और यह स्थान सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से समृद्ध केंद्र बन गया है। यह गौशाला भविष्य में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरणादायक भूमिका निभाएगी।
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
March 02, 2025, 15:17 IST
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