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रायपुर से दिल्ली तक की वो इनसाइड स्टोरी, जिसने नितिन नबीन की किस्मत बदल दी

Last Updated:December 15, 2025, 05:01 IST

नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है. इसे बेहद चौंकाने वाला फैसला माना जा रहा है. लेकिन इसके पीछे एक इनसाइड स्‍टोरी है. सूत्रों के मुताबिक, रायपुर में अमित शाह संग गोपनीय बैठक के बाद यह फैसला हुआ, 2029 चुनावों की तैयारी का संकेत मिला है.रायपुर से दिल्ली तक की वो इनसाइड स्टोरी, जिसने नितिन नबीन की किस्मत बदल दीबीजेपी ने न‍ित‍िन नबीन को कार्यकारी अध्‍यक्ष चुना है.

नित‍िन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने के बाद सबके मन में यही सवाल है क‍ि आख‍िर न‍ित‍िन नबीन की प्रोफाइल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने क्‍या देख ल‍िया क‍ि उन्‍हें इतने बड़े पद के ल‍िए चुना गया. यह नियुक्‍त‍ि सिर्फ एक पद पर बदलाव की नहीं, बल्‍क‍ि यह बीजेपी और आरएसएस द्वारा नेतृत्व की अगली पीढ़ी को कमान सौंपने की सबसे बड़ी कवायद है. पढ़िए रायपुर से दिल्ली तक की वो इनसाइड स्टोरी, जिसने नितिन नबीन की किस्मत बदल दी.

नितिन नबीन की ताजपोशी की पटकथा पिछले हफ्ते ही लिख दी गई थी, लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लगी. सूत्रों के मुताबिक, इस बड़े फैसले की नींव छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पड़ी. पिछले हफ्ते रविवार का दिन, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ प्रवास पर थे. वहां उन्होंने नितिन नबीन के साथ एक लंबी और बेहद गोपनीय बैठक की. नबीन, जिन्होंने छत्तीसगढ़ प्रभारी रहते हुए भूपेश बघेल की सत्ता उखाड़ने में अहम भूमिका निभाई थी, शाह की ‘गुड बुक्स’ में पहले से थे. सूत्रों का कहना है कि इसी बैठक में शाह ने उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी का संकेत दे दिया था.

रायपुर से ‘ग्रीन सिग्नल’

रायपुर से ‘ग्रीन सिग्नल’ मिलने के बाद, नितिन नबीन अगले ही दिन सोमवार की शाम दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष से अलग-अलग मुलाकातें कीं. इन बैठकों में उनकी नई भूमिका और जिम्मेदारियों का खाका खींचा गया. यह फैसला बताता है कि पीएम मोदी 2029 और 2034 के चुनावों के लिए अभी से एक ऐसा नेता तैयार करना चाहते हैं, जिसके पास अगले 15-20 साल तक दौड़ने की ऊर्जा हो.

‘परफॉर्मेंस’ और ‘पॉलिटिक्स’ पर दांव?

यंग और एनर्जेटिक विजन: नितिन नबीन उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो डिजिटल इंडिया और न्यू इंडिया की भाषा समझती है. 45 साल की उम्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद तक पहुंचना यह दर्शाता है कि पार्टी अब ‘वाजपेयी-आडवाणी’ युग से पूरी तरह निकलकर ‘मोदी-शाह’ के बाद की पीढ़ी को तैयार कर रही है.
संगठन का लंबा अनुभव: वे पैराशूट लैंडिंग से नहीं आए हैं. उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में सालों तक काम किया है. वे भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री रह चुके हैं. संगठन की रग-रग से वाकिफ होना उनकी सबसे बड़ी ताकत है.
अजेय’ विधायक: नितिन नबीन चुनावी राजनीति के भी खिलाड़ी हैं. वे पटना की बांकीपुर सीट से लगातार 5 बार विधायक चुने गए हैं. उन्होंने 2020 में शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा और प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया चौधरी जैसे हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों को हराकर साबित किया कि वे जमीन पर कितने मजबूत हैं.
छत्तीसगढ़ का ‘गेमचेंजर’ : नितिन नबीन के करियर का टर्निंग पॉइंट 2023 का छत्तीसगढ़ चुनाव था. प्रभारी के रूप में उन्होंने वहां बूथ मैनेजमेंट और महतारू वंदन योजना को जिस तरह जमीन पर उतारा, उसने अमित शाह को बेहद प्रभावित किया. हारी हुई बाजी को जीत में बदलना ही उनकी यूएसपी बन गई.
आरएसएस का भरोसा: नितिन नबीन का परिवार संघ की पृष्ठभूमि से है. वे अनुशासित हैं, लो-प्रोफाइल रहते हैं और विवादों से दूर रहते हैं. संघ को शीर्ष पद के लिए हमेशा ऐसे ही ‘स्वयंसेवक’ की तलाश रहती है.
2029 की तैयारी: नबीन की नियुक्ति 2029 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है. पार्टी को एक ऐसा अध्यक्ष चाहिए जो देश भर में प्रवास कर सके और युवाओं को पार्टी से जोड़ सके.

14 जनवरी का इंतजारफिलहाल नितिन नबीन को ‘कार्यकारी अध्यक्ष’ बनाया गया है. बीजेपी के संविधान के मुताबिक, जब तक राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर नहीं लग जाती, तब तक यह व्यवस्था रहती है. माना जा रहा है कि 14 जनवरी 2026 के बाद, जब खरमास समाप्त होगा, एक भव्य अधिवेशन में नितिन नबीन को आधिकारिक रूप से बीजेपी का पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा. बिहार की गलियों से निकलकर देश की सबसे बड़ी पार्टी के शीर्ष पद तक पहुंचने वाले नितिन नबीन की यह यात्रा बताती है कि बीजेपी में कार्यकर्ता के लिए आसमान ही सीमा है. अब देखना होगा कि 45 साल का यह युवा अध्यक्ष पार्टी को किन नई ऊंचाइयों पर ले जाता है.

About the AuthorGyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi..com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

December 15, 2025, 05:01 IST

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