रेगिस्तान की रेत से उगते हरे खेत, श्रीगंगानगर की प्रेरक सफलता की कहानी!

Last Updated:April 27, 2025, 16:29 IST
श्रीगंगानगर, जो कभी रामू की ढाणी के नाम से जाना जाता था, गंग नहर की निर्माण से विकसित हुआ. महाराजा गंगा सिंह की दूरदर्शिता और किसानों की मेहनत से यह क्षेत्र कृषि, व्यापार और सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र बना.X
महाराजा गंगा सिंह के सम्मान में गंगानगर रखा गया.
हाइलाइट्स
गंग नहर ने श्रीगंगानगर को उपजाऊ बनाया.महाराजा गंगा सिंह की दूरदर्शिता से कृषि क्रांति हुई.श्रीगंगानगर अब राजस्थान का प्रमुख कृषि जिला है.
श्रीगंगानगर- 19वीं सदी के अंत में श्रीगंगानगर का क्षेत्र केवल एक रेगिस्तानी गांव ‘रामू की ढाणी’ के रूप में जाना जाता था, जहां लोगों का जीवन कठिन था और संसाधनों की कमी थी.
जीवन रेखा का निर्माण1920 के दशक में महाराजा गंगा सिंह ने गंग नहर के निर्माण की शुरुआत की, जो सतलुज नदी से पानी लाकर इस क्षेत्र की भूमि को उपजाऊ बनाने में सहायक साबित हुई. 1927 में नहर के उद्घाटन के बाद कृषि क्रांति ने इस क्षेत्र का चेहरा बदल दिया.
श्रीगंगानगर का उदय, एक नया पहचानगंग नहर के बाद, इस क्षेत्र का नाम ‘गंगानगर’ रखा गया और यह व्यापारिक और कृषि केंद्र के रूप में विकसित हुआ. गेहूं, सरसों और कपास की फसलें यहां की समृद्धि का कारण बनीं.
विकास की ओर बढ़ता श्रीगंगानगरआज श्रीगंगानगर राजस्थान का प्रमुख जिला बन चुका है, जो समृद्ध कृषि, व्यापार और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है. यहां की मंडियां प्रमुख व्यापार केंद्र के रूप में विकसित हो चुकी हैं.
रामू की ढाणी से श्रीगंगानगर तक की यात्राश्रीगंगानगर का विकास एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जिसमें महाराजा गंगा सिंह की दूरदर्शिता, गंग नहर का महत्व और क्षेत्रवासियों की मेहनत ने इस क्षेत्र को समृद्ध बनाया. यह कहानी दिखाती है कि कैसे सही संसाधनों का उपयोग और दृढ़ संकल्प से असंभव को संभव बनाया जा सकता है.
Location :
Ganganagar,Rajasthan
First Published :
April 27, 2025, 16:29 IST
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रेगिस्तान की रेत से उगते हरे खेत, श्रीगंगानगर की प्रेरक सफलता की कहानी!