नकली बीज देने वाले मल्टीनेशनल कंपनी पर कृषि विभाग की कार्रवाई, संसद में भी उठा था मुद्दा

राहुल मनोहर/सीकर: नीदरलैंड की मल्टीनेशनल बीज कंपनी रिजिक जवान के द्वारा खराब बीज मामले में किसानों की जीत हुई है. कृषि विभाग ने कार्यवाही करते हुए रिजिक जवान कंपनी के कैप्टन स्टार बीज का पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है. अब यह कंपनी राजस्थान में खीरे का कैप्टन स्टार बीज नहीं बेच पाएगी. आपको बता दे की रिजिक जवान कंपनी के द्वारा किसानो को खीरे के कम गुणवत्ता वाले खराब बीज दिए गए थे, जिसके बाद किसानों की फसल पूरी तरह खराब हो गई, जिसकी शिकायत किसानों ने कृषि विभाग से की थी. अब कृषि विभाग ने एक्शन लेते हुए जांच के बाद कंपनी के बीज बेचने पर रोक लगा दी है. किसान अब कंपनी से मुआवजा की मांग कर रहे हैं.
संसद में भी उठा था नकली बीज का मुद्दाखराब बीजों के मामले में निस्तारण नहीं होने पर किसानों ने सीकर सांसद अमराराम से इसकी उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की थी. अमराराम ने मल्टीनेशनल कंपनी के द्वारा किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी की आवाज संसद में भी उठाई थी. इसके बाद कृषि विभाग हरकत में आया. विभाग ने जयपुर और सीकर से अधिकारीयों को किसानों के खेतों में भेजा. इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर खराब फसल की जांच की और टेस्टिंग के लिए सैंपल लिए थे.
ये था पूरा मामलाउन्नत किसान जवान सिंह दून ने बताया कि हाइटेक खेती करने वाले हजारों किसान पॉली हाउस में खीरे की खेती करते हैं. अच्छी पैदावार के लिए हम नीदरलैंड की रिजिक जवान कंपनी के बीजों को लगाते हैं. क्योंकि कंपनी दावा करती है इन बीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. यह बीज अन्य बीजों की तुलना में कई गुना महंगा होता है. इसके एक बीज की कीमत 10 है. ऐसा में हमें फसल लगाने के लिए एक बारी में तीन से चार लाख रुपए के बीज खरीदने पड़ते हैं.
एक अरब से अधिक रूपए की धोखाधड़ी पिछले 4 से 5 सालों में हम इस कंपनी के बीजों का उपयोग करते आ रहे हैं, हर बार हमें अच्छा मुनाफा मिल रहा था, लेकिन इस बार कंपनी ने हमारे साथ धोखा कर लिया. कंपनी ने इस बार सभी किसानों को घटिया क्वालिटी का बीज दे दिया है. इस वजह से किसानों को इस बार कोई फायदा नहीं हुआ है. जवान सिंह सहित सैकड़ो किसानों ने नीदरलैंड की रिजिक जवान कंपनी पर आरोप लगाते हुए बताया कि कंपनी ने राजस्थान के 5 से 7 हजार किसानों को नकली बीज बेचने के नाम पर एक अरब रुपए से अधिक रूपए की धोखाधड़ी की है.
FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 19:19 IST