बड़े से बड़े घाव को भर देती हैं इस पौधे की पत्तियां, कई बीमारियों को भगाने में है कारगर
पाली. हमारे भारत देश में अभी से नही बल्कि प्राचीन काल से अलग-अलग जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों का स्वास्थ्य के मामले किसी न किसी रूप में इस्तेमाल होता आ रहा है. आयुर्वेद के अनुसार सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण होते हैं, जिनकी वजह से उनका इस्तेमाल पारंपरिक चिकिस्ता और दवाएं बनाने के लिए किया जाता है. चिंता की बात यह है कि अधिकतर लोग सिर्फ तुलसी या अश्वगंधा जैसे पौधों के बारे में ही जानते हैं. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि आपके आसपास सभी सभी पेड़-पौधों में ऐसी जादुई शक्ति होती है, जो बड़ी दे बड़ी बीमारी को मात दे सकती है.
एक ऐसा ही जबरदस्त औषधीय गुणों वाला पौधा बारलेरिया प्रायोनाइटिस है जिसे भारत में वज्रदंती के नाम से जाना जाता है. इस पौधे का नाम आपने किसी न किसी विज्ञापन में जरूर सुना होगा. ऐसा माना जाता है कि इस पौधे में ऐसी गुण होते हैं, जो दांत दर्द, खून की कमी एनीमिया, सांप के काटने, डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारी और खून से जुड़े रोगों का इलाज कर सकते हैं.
काजरी ने इसलिए इस पौधे को किया स्थापितइन्हीं पौधो के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से काजरी द्वारा एक पार्क डेवलप किया है जिसमें ऐसे ही खास किस्म के पौधो के प्रति आमजन को जागरूक किया जा रहा है. ताकि ऐसे पौधो को वह अपने घर या बगीचे में लगाकर इसका लाभ ले सकते है. काजरी साइंटिस्ट सौरभ स्वामी ने लोकल-18 को इस पौधे की खासियत के बारे में बताया. यह भारत सहित एशिया के कई देशों में पाया जाने वाला पौधा है. यह बेल के रूप में बढ़ता है जिस पर पीले और नीले रंग के फूल आते हैं. आयुर्वेद में इस पौधे का कई विकारों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. बहुत से लोग इसे जंगली पौधा या झाड़ समझते हैं.
इसकी पत्तियां भी है करती हैं कमाल का जादूविशेषज्ञों की माने तो जीवन में प्रतिदिन हम अलग अलग रूपों में वज्रदंती का इस्तेमाल करते हैं. वज्रदंती की पत्तियों में छह प्रकार के हाइड्रोक्सी फ्लैमॉन पाए जाते हैं जिनमें कई सारे एंटी सेप्टिक गुण हैं. उन्होंने बताया की इस पौधे को पीला प्रियबासा भी कहा जाता है. यह पौधा जड़ से बढ़ता है. वज्रदंती की छाल, जड़, पत्ती और फूल सभी चीजें काम में आती हैं. इस पौधे में हाइड्रो इथेनॉल, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, ग्लाइकोसाइड्स के साथ ही अमाइनो एसिड्स पाए जाते हैं. जो शरीर की रोगों से रक्षा करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 10:53 IST