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जयपुर. जयपुर के चारदीवारी बाजार के चौड़ा रास्ता में स्थित 100 साल से भी अधिक पुरानी, दुकान नंबर 268 जयपुर हस्तकला केंद्र, यहां एक ही परिवार के लोग मिट्टी के बर्तन तैयार करने का काम करते आ रहे हैं. दीपावली पर मिट्टी के बर्तन खरीदने के लिए यहां लोग दूर-दूर से आते हैं, आपको बता दें ज्यादातर मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने का काम कुम्हार जाति के लोग ही करते आ रहें हैं.
आपको बता दें पुराने समय से ही राजस्थान में मिट्टी के बर्तनों के उपयोग की परम्परा चली आ रही है. आज भी त्यौहार के समय लोग सबसे ज्यादा मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते हैं और सामान्य रूप से भी घरों में मिट्टी के बर्तनों का खूब इस्तेमाल किया जाता हैं.
150 साल से पुरूष और महिलाएं साथ मिलकर बनाते हैं बर्तनजयपुर हस्तकला केंद्र की दुकान जयपुर बसने के समय की है लेकिन आज भी यहां पुरूषों के साथ महिलाएं भी बर्तन बनाती हैं. त्यौहारी सीजन में यहां के मिट्टी के बर्तन पूरे शहर में प्रसिद्ध हैं. सालों से बर्तन बनाने का काम करते आ रहे नाथूलाल बताते हैं कि राजा महाराजाओं के समय हमारे पूर्वज बर्तन बनाया करते थे.उसके बाद से हमारे परिवार की सभी पीढ़ियों ने बर्तन बनाने का काम किया है. इसमें महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा रहती है.
50 से अधिक प्रकार के सुंदर मिट्टी के बर्तननाथूलाल बताते हैं कि हमारे यहां मिट्टी से बने हुए सभी प्रकार के बर्तन, खिलौने बनाये जाते हैं. इसकी सालभर डिमांड रहती है. यहां एक ही जगह पर 50 से अधिक प्रकार के सुंदर मिट्टी के बर्तन तैयार किए जाते हैं, साथ ही दिपावली के लिए स्पेशल 25 तरह के मिट्टी के दीपक बनाए जाते हैं, इनमें डाई के दीये, हाथ से बने बड़े दीये, मांडणा वाले दीये, कलर वाले दीये, 21 बत्ती वाला दीये, लालटेन दीये, स्टेंड दीया, सादा दीये, गुजरात वाला डिजाइन का दीया सहित अन्य तरह के दीये हैं, जिनकी कीमत 1 रुपए से 500 रुपए तक होती है.
दीपावली पर रहती है मिट्टी के बर्तनों की सबसे ज्यादा डिमांडनाथूलाल बताते हैं कि हमारे यहां विशेष रूप से अलग-अलग प्रकार की मिट्टियों से बर्तन बनाये जाते हैं. जिसमें लाल मिट्टी, काली मिट्टी के बर्तन सबसे ज्यादा बनते हैं. यहां मिट्टी के मटके, सुरई, तवा, मिट्टी के बने हुए सुंदर खिलौने और सजावटी सामान, गमले, फूलदानी अलग-अलग प्रकार के कलश और 10 प्रकार के शानदार दीपक विशेष रूप से बनाये जाते हैं. इन सभी बर्तनों की अलग-अलग कीमत होती है और यहां स्पेशल ऑडर पर मिट्टी के बर्तन बनाये जाते हैं. नाथूलाल बताते हैं कि दीपावली पर दीयों की बहुत ज्यादा डिमांड रहती है. पूरा परिवार महीने भर से पहले ही दीया बनाने का काम शुरू कर देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 10:25 IST