वो महाराजा, जो थे 88 बच्चों के पिता, शानोशौकत ऐसी कि विदेशों में रहे उनके चर्चे
आजादी से पहले देश में जो धन-दौलत से भरपूर रियासतें थीं, उसमें पटियाला राजघराना काफी ऊपर था. महाराजा भूपिंदर सिंह देश के पहले ऐसे शख्स थे, जिनके पास अपना प्राइवेट प्लेन था. महाराजा की लाइफ स्टाइल ऐसी थी कि अंग्रेज भी उनसे रश्क करते थे. वो जब विदेश जाते थे तो पूरा का पूरा होटल किराए पर लेते थे. उनके पास 44 रोल्स रॉयस कारें थीं जिनमें से 20 रोल्स रॉयस का काफिला रोजमर्रा में सिर्फ राज्य में दौरे के लिए इस्तेमाल होता था.
महाराजा भूपिंदर पटियाला घराने के ऐसे राजा रहे हैं. जिनको लेकर बहुत ढेर सारे किस्से हैं. वो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी थे. जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को खड़ा किया गया, उसमें महाराजा ने मोटी धनऱाशि दी थी. इसके अलावा 40 के दशक तक जब भी भारतीय टीम विदेश जाती थी तो अमूमन उसका खर्च वो उठाया करते थे लेकिन इसके एवज में वो टीम के कप्तान भी बनाए जाते थे.
महाराजा वो शख्स भी थे, जिनके पास देश का पहला व्यक्तिगत विमान था. इसे उन्होंने 1910 में ब्रिटेन से खरीदा था. विमान उड़ाने और रखरखाव के लिए उनके पास पूरा स्टाफ था. इस विमान के लिए पटियाला में ही विमान पट्टी भी बनाई गई थी. महाराजा अक्सर इससे विदेश यात्राएं करते थे. इस राजा की 88 वैध संतानें थीं. हो सकता हो कि उनकी संतानों की संख्या इससे ज्यादा रही हो. उनकी शानोशौकत के चर्चे दुनियाभर में होते थे.
ये भी पढ़ें- जब 3 राजाओं ने पहनाई थी वायसराय लार्ड कर्जन की बीवी को साड़ी, जिस पर ऐसा मचा तहलका कि तीनों पर हो गई कार्रवाई
दस रानियां और 300 से ज्यादा उपरानियां दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब “महाराजा” में पटियाला के महाराजा पर विस्तार से लिखा है. लेपियर कॉलिंस और डोमिनक लेपियरे की “फ्रीडम एट मिडनाइट” में भी महाराजा की सनक और तड़क-भड़क भरी जीवन शैली का विस्तार से जिक्र हुआ है.
महाराजा पटियाला की कई बीवियों और हरम की महिलाओं में विदेशी सुंदरियां भी थीं.
महाराजा ने दस शादियां कीं. इसके अलावा उनके हरम में 300 से ज्यादा उपरानियां थीं. इसमें एक से बढ़कर एक सुंदर महिलाएं थीं, जिसमें कई विदेशी भी थीं. महाराजा ने 88 बच्चे पैदा किए. वो जब भी विदेश जाते थे तो उनके साथ एक बड़ा लाव लश्कर भी जाता था. वो लंदन या पेरिस में सबसे महंगे होटल की कई मंजिलों को एकसाथ किराए पर ले लेते थे. उसका पूरा खर्च वो खुद वहन करते थे.
ये भी पढ़ें- हवाई जहाज से एक साथ कैसे टकराए 36 फ्लेमिंगो? कितनी ऊंचाई पर उड़ते हैं ये पक्षी
हिटलर से थी दोस्ती, 44 रोल्स रॉयस कारों का काफिलामहाराजा के पास एक से बढ़कर एक कारें थीं, जिसमें 44 तो रोल्स रॉयस ही थीं. यहां तक हिटलर ने भी महाराजा को एक कार उपहार में दी थी. 1935 में बर्लिन दौरे के वक्त भूपिंदर सिंह की मुलाकात हिटलर से हुई. कहा जाता है कि राजा से हिटलर इतने प्रभावित हो गए कि उसने अपनी मेबैक कार राजा को तोहफे में दे दी. हिटलर से महाराजा की दोस्ती लंबे समय तक रही.
महाराजा भूपिंदर सिंह क्रिकेट प्रेमी थे. बीसीसीआई को शुरुआती सालों में उन्होंने मोटा पैसा दिया था.
पेरिस में बनवाया सबसे महंगा हीरों का हार साल1929 में राजा के ठाठ का एक और उदाहरण सामने आया जब उन्होंने कीमती नग, हीरों और आभूषणों से भरा संदूक पेरिस के जौहरी को भेजा. लगभग 3 साल की कारीगरी के बाद तैयार हुए इस हार ने खूब चर्चा बटोरी. 25 मिलियन डॉलर की कीमत वाला यह हार देश के सबसे महंगे आभूषणों में से एक है.
यूं तो महाराजा पटियाला के पास एक से बढ़कर एक कारें थीं, जिसमें 44 रोल्स रॉयस कारें थीं. लेकिन ये मेबैक कार है, जो उन्हें हिटलर ने तोहफे में दी थी.
क्रिकेट टीम भी थी महाराजा की महाराजा पटियाला ने बीसीसीआई के गठन के समय तो बड़ा आर्थिक योगदान तो दिया ही. बाद में बोर्ड की हमेशा मदद करते रहे. मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम का एक हिस्सा उनके योगदान से बना था. वह न केवल भारतीय टीम से खेले बल्कि मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी की टीम में भी रहे. उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश क्रिकेट कोचों को भारत बुलाया. उनके पास अपनी क्रिकेट टीम थी, जो उस समय देश में होने वाले टूर्नामेंटों में खेलती थी, इसमें देश के जाने माने खिलाड़ी खेला करते थे, लाला अमरनाथ भी इसमें शामिल थे.
Tags: BCCI Cricket, British Raj, Patiala news, Rolls Royce
FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 08:00 IST