The mark of the devotees of Khatushyam Ji temple rises from this 400 years old Shyam temple, the sufferings of the devotees are removed by coming to this temple
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सीकर:- विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम का मुख्य मंदिर खाटूश्याम जी में स्थित है. यहां पर लाखों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं. ऐसा ही एक मंदिर खाटूश्याम जी से 17 किलोमीटर दूर रींगस में भी मौजूद है. खाटूश्याम जी मंदिर की तर्ज पर ही रींगस का यह श्याम मंदिर बनाया गया है. इस मन्दिर को लेकर स्थानीय लोगों में अनेकों मान्यताएं है. दूर-दूर से खाटूश्याम जी आने वाले श्रद्धालु इसी मंदिर से अपनी पैदल यात्रा शुरू करते हैं.
रींगस का यह प्राचीन श्री श्याम मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है. खाटूश्याम जी मंदिर के पुजारी भी अपने बच्चों के जात जडूले इसी प्राचीन श्री श्याम मंदिर में ही आकर उतारते हैं. इस श्याम मंदिर के निर्माण में विशेष तरह की मार्बल्स और धातु का प्रयोग किया गया है. मंदिर के अंदर की अद्भुत कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र रहती हैं.
इसी मंदिर से शुरू होती है श्याम भक्तों की पदयात्राखाटूश्याम दर्शन को आने वाले भक्त रींगस में स्थित श्याम मंदिर के दर्शन करने के पश्चात ही खाटू जाते हैं. यहां निशान की पूजा अर्चना करने के पश्चात ही खाटूश्यामजी में निशान अर्पित किया जाता है. बाबा श्याम के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की पदयात्रा भी रींगस से ही शुरू होती है.
प्राचीन रींगस श्याम मंदिर का श्रृंगार विशेष अवसर पर पश्चिम बंगाल के कोलकाता से आए फूलों से ही किया जाता है. विशेष श्रृंगार बसंत पंचमी, एकादशी, जन्माष्टमी सहित अन्य विशेष दिनों पर किया जाता है. इसके अलावा प्रतिदिन जयपुर जिले के चौमू से आए हुए विशेष फूलों से प्राचीन श्री श्याम मंदिर का श्रृंगार किया जाता है.
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दर्शन से कष्ट होते हैं दूर विश्व प्रसिद्ध खाटू श्याम जी मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त दर्शन करते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. ऐसी ही मान्यता प्राचीन रींगस श्याम मंदिर को लेकर है. मान्यता के चलते दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हरियाणा सहित दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं. भक्तों की मान्यता है कि रींगस और खाटू में स्थित दोनों बाबा श्याम के मंदिरों में दर्शन करने से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 14:06 IST