मोबाइल तो आया, कंपनी भेजना भूल गई ये छोटी सी चीज, आपके साथ भी हुआ ऐसा? पा सकते हैं मोटा हर्जाना

Consumer Court News: आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज लोगों में सर चढ़कर बोल रहा है. मोबाइल की बात की जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि ऑफलाइन मार्केट के बड़े हिस्से को घर बैठे शॉपिंग के इस ट्रंड ने बुरी तरह से प्रभावित किया है. ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियां लोगों को ऐसे-ऐसे ऑफर दे रही है, जिसके चलते लोग चाहते हुए भी दुकान पर जाकर मोबाइल खरीदने से दूरी बना लेते हैं. बैंगलोर के एक शख्स के साथ भी ऐसा ही हुआ. उसने ऑनलाइन एक मोबाइल खरीदा. वन-प्लस कंपनी का मोबाइल तो आया लेकिन इसके मोबाइल के डब्बे में यूजर मैन्युअल नहीं था.
पेश मामले में बेंगलुरु की कंज्यूमर कोर्ट की तरफ से वन-प्लस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही शिकायतकर्ता द्वारा कोर्ट-कचहेरी पर खर्च की गई एक हजार रुपये की रकम देने का आदेश भी मोबाइल कंपनी को दिया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने कंपनी की कार्रवाई को “सरासर लापरवाही और उदासीनता” करार दिया है. बेंगलुरु के संजय नगर निवासी एसएम रमेश ने 6 दिसंबर, 2023 को 24,598 रुपये में वनप्लस नॉर्ड सीई 3 मोबाइल फोन खरीदा था. मोबाइल के डब्बे में यूजर मैनुअल शामिल नहीं था.
चार महीने बाद आया यूजर मैन्युअलसंजय ने पाया कि मोबाइल मैन्युअल के साथ-साथ वारंटी डिटेल और कंपनी के एड्रेस से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं थी. उन्होंने बार-बार कंपनी से संपर्क किया और रिक्वेस्ट की कि उन्हें यह सभी चीजें उपलब्ध कराई जाएं. शिकायतों के बावजूद वनप्लस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. आखिरकार अप्रैल 2024 को करीब चार महीने बाद कंपनी ने मैनुअल भेजा. संजय इससे असंतुष्ट थे, लिहाजा उन्होंने 3 जून को सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज कराई. वनप्लस कंपनी की तरफ से कंज्यूमर कोर्ट में कोई उपस्थित नहीं हुआ. जिसके कारण कंज्यूमर कोर्ट ने एक तरफा फैसला सुनाते हुए कहा कि यूजर मैन्युअल की गैरमौजूदगी के कारण ग्राहक को मानसिक पीड़ा और असुविधा हुई. इससे वनप्लस की लापरवाह साबित होती है. लिहाजा कंज्यूरम कोर्ट ने वनप्लस को ग्राहक को मानसिक पीड़ा के लिए 5,000 रुपये और कानूनी लागत के लिए 1,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया.
FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 17:45 IST