NH-325 पर लोहे की ताकत से नई राह, जालोर में बन रहा मेगा ब्रिज, भारी ट्रैफिक से मिलेगी निजात

Last Updated:May 21, 2025, 06:42 IST
Jalore Hi-tech Railway Bridge Construction: जालोर में एनएच-325 बाइपास पर शनिधाम के पास रेलवे क्रॉसिंग पर 385 टन वजनी स्टील गर्डर से हाईटेक रेलवे ब्रिज बन रहा है. 45 मीटर लंबे 10 गर्डर साइट पर पहुंच चुके हैं. हा…और पढ़ें
राजस्थान के जालोर में नेशनल हाइवे-325 बाइपास प्रोजेक्ट के तहत सामतीपुरा रोड स्थित शनिधाम के पास रेलवे क्रॉसिंग पर एक आधुनिक रेलवे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. यह ब्रिज 385 टन वजनी स्टील गर्डर से बनेगा और इसके तैयार होने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही में बड़ी राहत मिलेगी.
ब्रिज के निर्माण के लिए कुल 10 स्टील गर्डर कार्यस्थल पर पहुंच चुके हैं. प्रत्येक गर्डर की लंबाई लगभग 45 मीटर है. इनका इंस्टॉलेशन हाइड्रोलिक तकनीक की मदद से किया जाएगा. गर्डर को स्लाइडिंग स्ट्रक्चर से रेलवे ट्रैक के पार स्थापित किया जाएगा.
रेलवे ट्रैक को पार करते हुए गर्डर को धकेलने के लिए ‘क्रिब स्ट्रक्चर’ का निर्माण किया जा रहा है. यह स्ट्रक्चर ब्रिज के फाउंडेशन को मजबूत बनाने में मदद करेगा. वर्तमान में इसका काम अंतिम चरण में है और इसके पूरा होते ही गर्डर इंस्टॉलेशन शुरू होगा.
ब्रिज के पास एक मजबूत लोहे की संरचना तैयार की गई है, जो गर्डर को स्लाइड करने में सहायता करेगी. हाइड्रोलिक सिस्टम से इन भारी भरकम गर्डरों को पटरियों के ऊपर सावधानी से रखा जाएगा ताकि रेलवे ट्रैफिक को बाधित किए बिना काम किया जा सके.
ब्रिज के दोनों छोर को सीमेंटेड ब्लॉक से जोड़ने का काम भी समानांतर रूप से चल रहा है. इस कार्य में ब्रिज की ऊंचाई को समतल करने के साथ-साथ सड़क को ब्रिज से जोड़ा जा रहा है ताकि भारी वाहनों की आवाजाही सुगमता से हो सके.
ब्रिज रेलवे लाइन को पार करता है, इसलिए इसके लिए रेलवे की अनुमति अनिवार्य है. जैसे ही रेलवे से ब्लॉक मिलेगा, गर्डरों का इंस्टॉलेशन शुरू किया जाएगा। इसके बाद ब्रिज के ऊपरी हिस्से पर स्टील प्लेट्स और जॉइंट्स का कार्य किया जाएगा.
यह बाइपास प्रोजेक्ट का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. इसके पूरा होते ही NH-325 बाइपास पूरी तरह चालू हो जाएगा. इससे न सिर्फ शहर के भीतर ट्रैफिक दबाव घटेगा, बल्कि औद्योगिक और भारी वाहन भी इस मार्ग से आसानी से गुजर सकेंगे.
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NH-325 बाइपास ब्रिज का अंतिम चरण शुरू, इस तकनीक से इंस्टॉल होंगे स्टील गर्डर