JAIPUR POWER CRISIS DEEPENS INSUFFICIENT SUPPLY COAL – बिजली संकट, मंत्री समाधान के लिए जाएंगे दिल्ली

प्रदेश में बिजली संकट गहराता (power crisis deepens) जा रहा है। बिजली की खपत गत वर्ष के मुकाबले करीब 700 लाख यूनिट प्रतिदिन बढ गई है। वहीं कोयले की कमी (Insufficient supply coal) से बिजली संकट गहराता जा रहा है। अब ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला को कमान संभालनी ली है। मंत्री कल्ला और ऊर्जा सचिव दिनेश कुमार शनिवार को दिल्ली जाएंगे और कोयला मंत्रालय के अफसरों के साथ मामला सुलझाएंगे।

बिजली संकट, मंत्री समाधान के लिए जाएंगे दिल्ली
— ऊर्जा सचिव के साथ कोयला मंत्रालय से मामला सुलझाएंगे
— 700 लाख यूनिट प्रतिदिन बढ गई खपत
— कोयले की कमी से गहराता बिजली संकट
जयपुर। प्रदेश में बिजली संकट गहराता (power crisis deepens) जा रहा है। बिजली की खपत गत वर्ष के मुकाबले करीब 700 लाख यूनिट प्रतिदिन बढ गई है। वहीं कोयले की कमी (Insufficient supply coal) से बिजली संकट गहराता जा रहा है। अब ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला को कमान संभालनी ली है। मंत्री कल्ला और ऊर्जा सचिव दिनेश कुमार शनिवार को दिल्ली जाएंगे और कोयला मंत्रालय के अफसरों के साथ मामला सुलझाएंगे। इस मामले में कोयला मंत्री से बात भी हुई है। मुख्य सचिव भी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
पिछले वर्षों के रिकाॅर्ड को तोड़़ते हुए बिजली की खपत और अधिकतम मांग अब तक 3107 लाख यूनिट प्रतिदिन और 14690 मेगावाट दर्ज की गई है। पिछले तीन दिन में बिजली डिमांड करीब 355 लाख यूनिट तक बढ़ गई। डिमांड बढ़ने और बिजली उत्पादन में कमी के कारण लोड डिस्पेच सेंटर से ग्रामीण इलाकों में कटौती के लिए 220 केवी जीएसएस पर मैसेज दिए जा रहे है। प्रदेश में ग्रामीण व कस्बों में फिर अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है।
4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित
विद्युत उत्पादन ईकाइयों में कोयला की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं करने से 2500 मेगावाट का विद्युत उत्पादन नहीं हो पा रहा है। राज्य में कालीसिंध और सूरतगढ़ थर्मल प्लांट की सभी यूनिट (सब क्रिटिकल) बंद होने के बाद 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया।
मंत्री ने ली समीक्षा बैठक
ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने शुक्रवार को राज्य में विद्युत व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक के दौरान ऊर्जा विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि सामान्य दिनों में विद्युत एक्सचेन्ज में बिजली खरीद की औसत दर 3-4 रूपये प्रति यूनिट रहती है, जो कि वर्तमान में बढकर 17-18 रूपये प्रति यूनिट तक पहुँच गई है। बिजली की बढी हुयी मांग को पूरा करने के लिए प्रचलित महंगी दरों पर भी बिजली एक्सचेन्ज से अधिकतम बिजली खरीदने के प्रयास किये जा रहे है, लेकिन बिजली की खपत बढने के कारण एक्सचेन्ज से भी पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है।