The only lake of Jaisalmer, in olden times people used to drink here – News18 हिंदी
चन्द्रवन गोस्वामी/ जैसलमेरः राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एक झील जिसका निर्माण जैसलमेर के संस्थापक राजा रावल जैसल ने 1156 ई॰ में करवाया था. बाद में साल 1367 ई॰ के आसपास गड़सी सिंह द्वारा इसका पुनर्निर्माण कराया गया. यह झील एक कृत्रिम झील है जो जैसलमेर किले से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर स्थित है. कहा जाता है कि इस झील ने एक बार पूरे शहर को पानी उपलब्ध कराया था. वर्तमान में पानी इंदिरा गांधी नहर से गड़ीसर झील में आता है. इसलिए यह कभी नहीं सूखती है.
गड़ीसर झील एक कृत्रिम झील है. यह जैसलमेर शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है. इसे पहले “जैसलसर झील”.भी कहा जाता था. उस समय यह जैसलमेर का एकमात्र जल का स्रोत था. बाद में झील का पुनर्निर्माण गड़सी सिंह ने करवाया और उसके बाद इसका नाम गड़ीसर झील रखा गया. वर्तमान में यहां देश-विदेश से बहुत पर्यटक आते है .झील में कई छतरियां और भगवान के मंदिर भी है. इसका क्षेत्रफल लगभग 17 हेक्टेयर है और गहराई लगभग 12 मीटर है. झील में एक मुख्य प्रवेश द्वार है. जिसे तिलों की पोल कहा जाता है.जिसे 19वीं शताब्दी में एक शाही दरबारी ने बनवाया था. द्वार के शीर्ष पर भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर है.
झील का सबसे उल्लेखनीय नवीकरण
जैसलमेर के निवासी रघुवीर दान झीबा का परिवार राज घराने के राज कवि हुआ करते थे. यह पिछले कई वर्षो से पौराणिक स्थलो के जानकार है. रघुवीर ने बताया कि1367 ई. में रावल जैसल के वंशज गडसी सिंह भाटी द्वारा किया गया था.गडसी सिंह एक दयालु शासक थे जो झील की जल आपूर्ति और सौंदर्यशास्त्र में सुधार करना चाहते थे.उन्होंने इसके चारों ओर एक तटबंध का निर्माण करके झील का विस्तार किया और कई स्मारकों और प्रवेश द्वारों को जोड़कर इसे सुंदर बनाया. यह झील जैसलमेर की विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करती है.झील शानदार स्मारकों, मंदिरों, छतरियों और मंदिरों से घिरी हुई है जो जैसलमेर की कला और वास्तुकला को दर्शाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 24, 2024, 15:44 IST