इस जगह पर मौजूद है भीम और हिडिंबा का एक मात्र मंदिर, विशालकाय है प्रतिमा, जानें मान्यता

Last Updated:March 06, 2025, 09:11 IST
जयपुर जिले के विराटनगर के पर्वत के नीचे चट्टानों के बीच भीम और देवी हिडिम्बा का मंदिर है. मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य सोमेन्द्र नाथ ने बताया कि यह एक मात्र महाबली भीम और देवी हिडिम्बा का मंदिर है. यहां पर भीम की…और पढ़ेंX
हिडिम्बा और भीम की प्रतिमा
आज हम आपको महाभारत काल के एक ऐसे में मंदिर के बारे में बताएंगे जो अपने आप में बहुत अनोखा है. इस मंदिर के बारे में आपने सुना भी नहीं होगा. क्योंकि यह महाभारत काल के भीम और उनकी पत्नी का मंदिर. यहां पर भीम और हिडम्बा की विशाल मूर्तियां मौजूद हैं. यह मंदिर राजधानी जयपुर से 85 किलोमीटर दूर विराटनगर के पंचखंड पर्वत पर स्थित है. महाभारत में भी उल्लेख है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय इस जगह पर कुछ समय बिताया था. इस दौरान भीम और उनकी पत्नी हिडिंबा भी यही रहती थी.
जयपुर जिले के विराटनगर के पर्वत के नीचे चट्टानों के बीच भीम और देवी हिडिम्बा का मंदिर है. मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य सोमेन्द्र नाथ ने बताया कि यह एक मात्र महाबली भीम और देवी हिडिम्बा का मंदिर है, ऐसा मंदिर और कही नहीं है. यहां पर भीम की साढ़े ग्यारह फीट के और देवी हिडिम्बा साढ़े 6 फीट की मूर्ति है. आचार्य ने बताया जैसा महाभारत में उल्लेख मिलता है कि भीम की हाइट साढ़े ग्यारह फीट थी. ठीक उसी हाइट की मूर्ति यहां स्थापित की गई है.
रोज होती है पूजापंचखंड पर्वत पर स्थित स्थिति भीम और हिडम्बा की विशाल प्रतिमा की रोज पूजा अर्चना होती है. यहां, पर भक्त भक्त इनके सामने हाथ जोड़कर परिवार की खुशहाली की दिनों से कामना भी करते हैं. इस जगह पर शिवरात्रि के समय विशेष कार्यक्रम भी होता है. इसके अलावा इस पहाड़ी पर संत और अघोरी आकर भगवान की तपस्या करते और कुछ समय बिताते हैं. मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य सोमेन्द्र नाथ ने बताया कि इस जगह पर 700 फिट की ऊंचाई पर स्थित गुफ़ा में पांचों पांडवों ने इस शिवलिंग को स्थापित किया था. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई सवा सात फिट है. इसके अलावा यह दुनिया का एकमात्र 12 मुख वाला 6 टन वजनी शिवलिंग है.
भीम और हिडम्बा की कहानीमहाभारत में उल्लेख है कि हिडिम्बा एक राक्षसी थी, पांडव भीम ने उससे प्रेम किया था. हिडिम्बा का भाई एक राक्षस राजा था. हिडिम्बा माता महाकाली की भक्त थी. उन्हें हर दिन एक मनुष्य की बलि देनी होती थी. भीम और हिडिम्बा की मुलाकात जंगल में हुई थी. भीम से शादी करने के लिए हिडिम्बा ने अपने भाई हिडिम्ब से बगावत कर दी थी. भीम और हिडिम्बा ने शालिवाहन के पास जंगल में रहने लगे. कुछ समय बाद हिडिम्बा ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम घटोत्कच रखा गया. घटोत्कच पांडवों के सबसे बड़े पुत्र थे. भीम और हिडिम्बा की प्रेम कहानी आज भी प्रचलित है. हिडिम्बा को देवी का गौरव हासिल हुआ था.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
March 06, 2025, 09:11 IST
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इस जगह पर मौजूद है भीम और हिडिंबा का एक मात्र मंदिर, जानें मान्यता