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मधुमक्खी के डंक से निकला जहर बनेगा अमृत, घंटे भर के अंदर कैंसर कोशिकाओं का समूल होगा नाश! वैज्ञानिकों का दावा

Honey bee venom kill cancer cells: मधुमक्खी अगर किसी को काट लें तो उसके डंक से किसी की भी हालत खराब हो जाती है. अगर ज्यादा मधुमक्खियां काट लें तो शरीर सूज जाता है और तेज बुखार लग जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मधुमक्खी का यही जहर अब अमृत बनेगा. वैसे तो पहले से ही मधुमक्खी के जहर का कई चीजों में इस्तेमाल होता है लेकिन अब यूनिवर्सिटी ऑफ ऑस्ट्रेलिया और हैरी पर्किंसन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मधुमक्खी के जहर से कैंसर की कोशिकाओं को एक घंटे के अंदर मारा जा सकता है.

हर स्टेज वाले कैंसर सेल्स पर प्रभावीटीओआई की खबर के मुताबिक यह स्टडी 2020 में ही हुई थी जिसे जर्नल एनपीजे नेचर पर्सिसन ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित किया गया है. स्टडी में दावा किया गया है कि मधुमक्खी का जहर ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर और एचईआर2 ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को घंटे भर में खत्म कर देता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे पहले किसी ने भी मधुमक्खी के जहर का ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं पर असर की तुलना नहीं की है. यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. सियारा डफी ने बताया कि हमने मधुमक्खी के जहर का सामान्य ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं पर परीक्षण किया. इसके साथ ही ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न स्टेज वाली कोशिकाओं पर भी परीक्षण किया. उन्होंने बताया कि मधुमक्खी के जहर में मेलिटीन नाम का कंपाउड रहता है. हमने इसके पॉजिटिव चार्ज्ड पेपटाइड का कैंसर सेल्स पर आजमाया. इस पेप्टाइड को हमने सिंथेटिकली बनाया. इसके बाद पाया कि इस पेप्टाइड में कैंसर को खत्म करने की शक्ति है, ठीक वैसे ही जैसा मधुमक्खी के जहर में गुण मौजूद है.

कीमोथेरेपी के साथ भी इस्तेमालइस स्टडी में ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और इंग्लैंड से प्राप्त 312 मधुमक्खियों और बंबलीज (मधुमक्खियों की तरह ही खतरनाक डंक वाला इंसेक्ट) के जहर का परीक्षण किया. स्टडी में पाया गया कि मेलिटीन जो मधुमक्खी के जहर में पाया जाता है, 60 मिनट के अंदर कैंसर की कोशिकाओं के मैंब्रेन यानी कोशिकाओं की झिल्ली को खत्म कर सकता है.मेलिटीन केवल 20 मिनट में कैंसर कोशिकाओं के उन केमिकल मैसेज को कम करने में सक्षम था, जो कैंसर कोशिका की वृद्धि और कोशिका विभाजन के लिए जरूरी होते हैं.वैज्ञानिकों ने बताया कि मेलिटीन का उपयोग छोटे अणुओं या कीमोथेरेपी के साथ भी किया जा सकता है. यानी इसका मतलब यह हुआ कि जब लास्ट स्टेज वाले ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी की जा रही हो तो इसके साथ ही मधुमक्खियों के जहर का इस्तेमाल किया जा सकता है.स्टडी में मेलिटीन और डोक्सेटैक्सेल के कॉम्बिनेशन को ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित चूहों में इस्तेमाल किया गया तो इसका बेहद प्रभावशाली रिजल्ट सामने आया.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 17:20 IST

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