विज्ञापन बनाने के हुनर ने दिया अलग नजरिया, बना दिया फिल्ममेकिंग का स्टार, विवेक अग्निहोत्री का अनूठा सफर

Last Updated:November 10, 2025, 02:31 IST
विवेक अग्निहोत्री ने विज्ञापन से बॉलीवुड तक सफर तय किया. ‘द ताशकंद फाइल्स’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी चर्चित फिल्में बनाई. उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया. आइए, उनके शानदार फिल्मी करियर पर नजर डालते हैं.
विवेक अग्निहोत्री ने जेएयू से पढ़ाई की थी. (फोटो साभार: IANS)
नई दिल्ली: हम जिस फिल्म स्टार की बात कर रहे हैं, उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उनका नाम सुनते ही लोग अक्सर उनकी प्रभावशाली फिल्मों को याद करते हैं. हम विवेक अग्निहोत्री का जिक्र कर रहे हैं. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उन्होंने फिल्मों की दुनिया में कदम रखने से पहले विज्ञापन और ब्रांडिंग वर्ल्ड में अपनी पकड़ बनाई थी. उन्हें इसी अनुभव ने सोचने और कहानी कहने का अनोखा नजरिया दिया.
विवेक अग्निहोत्री का जन्म 10 नवंबर 1973 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ. उनके पिता का नाम प्रभुदयाल अग्निहोत्री और माता का नाम शारदा अग्निहोत्री है. बचपन से ही विवेक पढ़ाई और नई चीजें सीखने में तेज थे. उन्होंने अपनी पढ़ाई जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) से पूरी की. उन्होंने इसके बाद विदेश जाकर हार्वर्ड एक्सटेंशन स्कूल से मैनेजमेंट में स्पेशल सर्टिफिकेट कोर्स भी किया. विवेक अग्निहोत्री का करियर विज्ञापन की दुनिया में शुरू हुआ. उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में काम किया और बड़े ब्रांड्स के लिए विज्ञापन तैयार किए. इस दौरान उन्होंने सीखा कि किस तरह से लोगों की सोच को प्रभावित किया जा सकता है और किस तरह से छोटी बातों को बड़े मैसेज में बदला जा सकता है. यह अनुभव बाद में उनकी फिल्मों में साफ झलकता है.
‘चॉकलेट’ से बॉलीवुड में डेब्यू कियाटीवी की दुनिया में कदम रखने के बाद विवेक ने धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री की ओर रुख किया. उन्होंने 2005 में हॉलीवुड फिल्म ‘द यूजुअल सस्पेक्ट्स’ की रीमेक ‘चॉकलेट’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया. हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इसके बाद उन्होंने ‘धन धना धन गोल’, ‘हेट स्टोरी’, ‘जिद’, और ‘जुनूनियत’ जैसी फिल्में बनाई. इन फिल्मों ने उनकी कहानी कहने की कला और अलग नजरिए को दर्शाया.
फिल्मों पर छिड़ी बहसविवेक अग्निहोत्री का करियर तब और चमका जब उन्होंने ‘द ताशकंद फाइल्स’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में बनाई. ये फिल्में आलोचकों और दर्शकों के बीच बहस का विषय बनी. उनकी फिल्मों में वास्तविक घटनाओं और रिसर्च का मिश्रण होता है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है. वहीं, ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर भी विवेक अग्निहोत्री ने सुर्खियां बटोरी. विवेक अग्निहोत्री की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत उनकी और टीम की बेहतरीन रिसर्च, डॉक्यूमेंटेशन और सधा हुआ स्क्रीनप्ले होता है, जिससे दर्शक आखिर तक फिल्म के हर सीन, हर फ्रेम और हर डायलॉग से बंधे रहते हैं. मेहनत और लगन के चलते विवेक को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
कहानी कहने का अलग ढंगआज विवेक अग्निहोत्री सिर्फ एक फिल्मकार नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने विज्ञापन और ब्रांडिंग की दुनिया से सीख लेकर बॉलीवुड में अपनी अलग शैली बनाई. उन्होंने फिल्मों में भावनाओं के बजाय विचारों और रिसर्च को महत्व दिया. यही वजह है कि उनकी फिल्में एक इंडिपेंडेंट फिल्मकार की तरह समाज में नई बहस और सोच को जन्म देती हैं.
Abhishek Nagar
अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें
अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल… और पढ़ें
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First Published :
November 10, 2025, 02:31 IST
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