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IIT से पढ़ाई करता है बेटा, फीस भरने के लिए चलाता है ऑटो, होटल में नहीं दी एंट्री! अरबपति ने बताई वजह 

Last Updated:February 13, 2025, 15:11 IST

Auto Driver Story: भले ही आज हम आधुनिक युग के दौर में जा रहे हैं, लेकिन समाज अब भी बाहरी दिखावे के आधार पर भेदभाव करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. ऐसी ही घटना एक को अरबपति ने शेयर किया है.IIT से पढ़ाई करता है बेटा,फीस भरने के लिए चलाता है ऑटो,होटल में नहीं दी एंट्री

ऑटो ड्राइवर को स्टार होटल में एंट्री करने नहीं दिया.

हाइलाइट्स

अरबपति वेलुमनी को स्टार होटल ने ऑटो से एंट्री करने नहीं दिया है.वेलुमनी ने समाज के भेदभाव पर सवाल उठाए हैं.ऑटो ड्राइवर का बेटा आईआईटी में पढ़ता है.

Auto Driver Story: हम कितना ही मॉडर्न क्यों न हो जाएं, फिर भी सामाजिक भेदभाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे ही घटना ऑटो रिक्शा पर सवार होकर स्टार होटल जाने वाले थायरोकेयर के संस्थापक और अरबपति डॉ. अरोकियास्वामी वेलुमनी के सामने आई. वह हाल ही में एक्स पर अपने अनुभव शेयर किए हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित एक स्टार होटल ने उनके ऑटो-रिक्शा को अंदर प्रवेश देने से इनकार कर दिया.

ऑटो ड्राइवर आईआईटी में पढ़ाता है अपना बेटावेलुमनी ने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने ऑटो ड्राइवर से बातचीत की, जिसमें पता चला कि उसका बेटा आईआईटी हैदराबाद में थर्ड ईयर का छात्र है. बेटे की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए वह ड्राइवर रोज़ाना 12-14 घंटे तक मेहनत करता है. यह कहानी उनके लिए प्रेरणादायक थी, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया.

होटल के ‘नियम’ बने भेदभाव का कारणजब उनका ऑटो-रिक्शा स्टार होटल के एंट्री गेट पर पहुंचा, तो सुरक्षा गार्डों ने उसे अंदर जाने से रोक दिया. गार्ड्स ने होटल के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि ऑटो-रिक्शा को अंदर जाने की अनुमति नहीं है. वेलुमनी ने लिखा कि अंततः बीकेसी स्थित उस स्टार होटल ने रिक्शा को अंदर आने नहीं दिया. सुरक्षा गार्डों ने ड्राइवर से बदतमीजी से कहा कि यह होटल के नियम है. मुझे नीचे उतरकर अंदर जाने को कहा गया. कितना अजीब नियम है?

समाज के दोहरे मापदंड पर सवालइस घटना ने वेलुमनी को समाज में मौजूद भेदभाव और वर्ग विभाजन की ओर इशारा करने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने इस स्थिति को समाज के ‘अजीब नियमों’ का उदाहरण बताते हुए सवाल उठाया कि क्यों एक मेहनती व्यक्ति, जो अपने बेटे को आईआईटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ा रहा है, केवल एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर होने की वजह से सम्मान का हकदार नहीं समझा जाता?

बदलाव की जरूरतवेलुमनी की यह पोस्ट लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या सिर्फ गाड़ियों की चमक-धमक से ही किसी की सामाजिक स्थिति तय होनी चाहिए? यह घटना दर्शाती है कि भले ही कोई व्यक्ति कड़ी मेहनत से अपनी जिंदगी संवार रहा हो, लेकिन समाज अब भी बाहरी दिखावे के आधार पर भेदभाव करने से पीछे नहीं हटता.

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First Published :

February 13, 2025, 15:11 IST

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IIT से पढ़ाई करता है बेटा,फीस भरने के लिए चलाता है ऑटो,होटल में नहीं दी एंट्री

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