भरतपुर-करौली सीमा के गांवों में सड़क की बदहाली, ग्रामीणों का संघर्ष

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 13, 2025, 15:07 IST
Bharatpur News: भरतपुर और करौली जिले की सीमा पर बसे डांग इलाके के आठ गांवों के 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सड़कों की हालत इतनी दयनीय है. वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल …और पढ़ेंX
ग्रामीण खुद बनाते अपने गांव की सड़क
भरतपुर और करौली जिले की सीमा पर बसे डांग इलाके के आठ गांवों के 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सड़कों की हालत इतनी दयनीय है. वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. खासकर गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं बरसात के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं. जब दलदली रास्तों में पैर रखना तक मुश्किल हो जाता है.
ग्रामीणों के अनुसार दो साल पहले सरकार ने इन गांवों के लिए 12 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी. जिससे पक्की सड़क बनाई जानी थी. लेकिन, हकीकत में यह योजना सरकारी फाइलों में ही सिमटकर रह गई लोक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी ने इसे वन विभाग की एनओसी न मिलने का बहाना बताकर कार्य शुरू ही नहीं किया. ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
12 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृतअब थक हारकर ग्रामीणों ने खुद ही सड़क बनाने का निर्णय लिया है. गांव के स्थानीय निवासी लवकुश गुर्जर ने लोकल 18 को बताया कि जब शासन-प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी तो उन्होंने आपस में चंदा इकट्ठा कर खुद श्रमदान करने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने जेसीबी ट्रैक्टर और रोड रोलर की व्यवस्था की और समतलीकरण कार्य शुरू कर दिया गांव के सैकड़ों लोग मिलकर इस कार्य में श्रमदान कर रहे हैं. ग्रामीण का कहना है कि सडक न बनने से यहां के युवा शिक्षा से वंचित हैं.
समस्याओं को अनदेखा कर रही है सरकारइसके अलावा सडक न बनने से शादी विवाह करने मे भी काफी परेशानी आती है.ग्रामीणों का कहना है कि जब सरकार जनता की समस्याओं को अनदेखा कर देती है.तो जनता को खुद ही आगे आकर समाधान निकालना पड़ता है. यह सिर्फ सड़क का सवाल नहीं है. बल्कि उनके अस्तित्व और विकास का भी सवाल है.इस पूरे मामले ने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ग्रामीणों का संघर्ष बताता है. वे अब सरकार की अनदेखी सहने के लिए तैयार नहीं हैं. अब सवाल यह है.कि क्या इन गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी. फिर यह इलाके हमेशा की तरह पिछड़ेपन का शिकार बने रहेंगे
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
February 13, 2025, 15:07 IST
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