जिस मंदिर को औरंगजेब ने किया था तहस-नहस, अब उसका होगा पुनर्निर्माण; पुरातत्वविद देंगे नया रूप

Last Updated:November 11, 2025, 10:06 IST
Sikar Harsh Temple: सीकर के ऐतिहासिक हर्षनाथ मंदिर का अब पुराने स्वरूप में पुनर्निर्माण किया जाएगा. केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर प्रसिद्ध पुरातत्वविद केके मोहम्मद ने स्थल का सर्वे किया और इसे पुनर्निर्माण योग्य बताया. 900 साल पुराने इस मंदिर को औरंगजेब की सेना ने ध्वस्त किया था. केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद कार्य जल्द शुरू होगा, नहीं तो भामाशाहों के सहयोग से काम किया जाएगा.
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सीकर. राजस्थान के सीकर जिले की पहचान बन चुके ऐतिहासिक हर्षनाथ मंदिर अब और भी अधिक सुंदर दिखाई देगा. इस ऐतिहासिक स्थल का पुराने स्वरूप में पुनर्निर्माण किया जाएगा. इस दिशा में कार्य भी शुरू कर दिया गया है. इस पौराणिक पर्यटक स्थल को लेकर खुद केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पहल की है. इसके बाद पुरातत्व विभाग के पूर्व निदेशक और राम मंदिर पर शोध कर चुके प्रसिद्ध पुरातत्वविद केके. मोहम्मद ने हर्ष पर्वत का दौरा किया है. वहीं, मंदिर परिसर के आसपास बिखरी पुरातन सामग्री का अवलोकन किया. आपको बता दें कि सीकर के 3,000 फीट ऊंचे इस हर्ष पर्वत पर स्थित भगवान शिव का मंदिर 900 साल से भी अधिक पुराना है.
यहां मौजूद बिखरी पुरातन सामग्री का अवलोकन करने के बाद केके मोहम्मद ने बताया कि मंदिर का सर्वेक्षण करने पर यह स्पष्ट हुआ है कि इसे पुराने स्वरूप में पुनर्निर्माण किया जा सकता है. हालांकि, सामग्री के बिखरे होने और जटिल स्थला कृति के कारण काम थोड़ा मुश्किल रहेगा. उन्होंने कहा कि मंदिर स्थल पर खुदाई की जरूरत है, क्योंकि नीचे पुरातात्विक महत्व की कई वस्तुएं और संरचनाएं मौजूद हैं. मंदिर क्षेत्र में खड़े कुछ पिलर इस बात के प्रमाण है कि इसका पुनर्निर्माण ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर संभव है. इसके अलावा और उन्होंने ने बताया कि उन्होंने पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर परियोजना पर चर्चा की है. रिपोर्ट जल्द ही केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. अगर केंद्र से फंड की स्वीकृति नहीं मिलती है, तो भामाशाहों और स्थानीय समाजसेवकों के सहयोग से काम शुरू किया जाएगा.
औरंगजेब ने तोड़ा था मंदिर
आपको बता दें कि कि, अभी यह प्राचीन मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है. इतिहासकार महावीर पुरोहित के अनुसार, यह शिव मंदिर विक्रम संवत 1018 में निर्मित हुआ था, जिसे करीब 12 वर्षों में शिल्पकारों ने तैयार किया था. संवत 1736 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था. इसके प्रमाण आज भी यहां देखने को मिलते हैं. यहां सैकड़ो देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं है, जो पूरे देश में केवल इसी जगह पर मौजूद है. यहां से मिली कुछ प्राचीन मूर्तियां और शिलालेख सीकर के म्यूजियम में सुरक्षित हैं.
खजुराहो मंदिरों से लगभग 200 वर्ष है पुराना
पुरातत्वविद केके. मोहम्मद ने देश की प्राचीन विरासत को पुनर्जीवित करने में उल्लेखनीय कार्य किया है. उन्होंने गुर्जर-प्रतिहार काल (9वीं-11वीं शताब्दी) में निर्मित करीब 200 शिव और विष्णु मंदिरों के परिसर का पुनर्निर्माण शुरू किया, जिनमें से 90 मंदिर पूरी तरह पुनर्जीवित किए जा चुके हैं. केके. मोहम्मद ने बताया कि सीकर के हर्ष पर्वत पर स्थित मंदिर परिसर में खंडित मूर्तियां खजुराहो मंदिरों से लगभग 200 वर्ष पुरानी है. वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नॉर्थ जोन रीजनल डायरेक्टर पद से 2012 में सेवानिवृत्त हुए. 1976 में बाबरी मस्जिद की खुदाई करने वाली टीम का हिस्सा थे.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
November 11, 2025, 10:06 IST
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जिस मंदिर को औरंगजेब ने किया था नष्ट, अब पुरातत्वविद देंगे नया रूप



