रंग पंचमी पर सागवाड़ा में हुई कंडो की राड, युवाओं की टोलियों ने एक-दूसरे पर बरसाए कंडे

Last Updated:March 20, 2025, 12:17 IST
सोशल मीडिया के दौर में अब अन्य क्षेत्रों के लोग भी इस अनोखी परंपरा के बारे में जानने लगे हैं.कंडो की राड को लेकर युवाओं में जबरदस्त जोश रहता है. वे इस परंपरा को हर साल निभाने के लिए उत्साहित रहते हैं. रंग पंचमी…और पढ़ेंX
कंडो की राल
रंग पंचमी के मौके पर उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा में वर्षों पुरानी परंपरा के तहत कंडो (गोबर के उपलों) की राड खेली गई. होली के बाद मनाए जाने वाले इस अनोखे आयोजन में युवाओं की दो टोलियां बनाई गईं. जिन्होंने एक-दूसरे पर जमकर कंडे बरसाए. यह अनूठी परंपरा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और इस रोमांचकारी खेल का आनंद लिया.
डूंगरपुर जिला अपनी आदिवासी परंपराओं और अनोखे त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है. इनमें से एक प्रमुख परंपरा कंडो की राड है, जो हर साल रंग पंचमी पर सागवाड़ा में आयोजित की जाती है. इस बार भी नगर के पुराने बस स्टैंड पर यह आयोजन हुआ. नेहरू पार्क के पास मुख्य मार्ग पर सैकड़ों लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर गैर खेलते हुए पहुंचे. इसके बाद युवाओं को दो समूहों में बांट दिया गया. दोनों पक्षों के सामने कंडों के ढेर लगा दिए गए. जैसे ही आयोजन की शुरुआत हुई. युवाओं ने एक-दूसरे पर धड़ाधड़ कंडे बरसाने शुरू कर दिए.पूरा माहौल जोश और उत्साह से भर गया. लगभग एक घंटे तक चले इस खेल में दोनों पक्षों के बीच हंसी-मजाक और उत्साह का माहौल बना रहा.
सड़क किनारे खड़े लोगों को भी लगे कंडेराड देखने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों को भी कई बार कंडे लग गए. लेकिन इस खेल का कोई भी बुरा असर नहीं पड़ा.यह आयोजन पूरी तरह सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ और किसी को गंभीर चोट नहीं आई. लोग इस परंपरा का आनंद लेते रहे और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाते रहे.
सागवाड़ा और आसपास के गांवों से उमड़ी भीड़राड देखने के लिए न केवल सागवाड़ा बल्कि आसपास के गांवों से भी भारी संख्या में लोग पहुंचे थे.बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने इस अद्भुत परंपरा का लुत्फ उठाया.कंडो की राड को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. लोकप्रिय होती जा रही है यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों में यह आयोजन और भी लोकप्रिय हुआ है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
March 20, 2025, 12:17 IST
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सागवाड़ा में रंग पंचमी पर कंडों की राड़, युवाओं ने परंपरा को किया जीवंत