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राजस्थान की धरती से निकला खजाना! पोटाश की खदान से चमक जाएगी किस्मत, सरकार हो जाएगी मालामाल

Last Updated:March 22, 2025, 12:25 IST

राजस्थान के पांच जिलों से पोटाश की खदान मिलने के बाद ख़ुशी का माहौल है. तेल और गैस के बाद अब पोटाश की खदान मिलने से राज्य की किस्मत बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं. राजस्थान की धरती से निकला खजाना! पोटाश की खदान से चमक जाएगी किस्मत

पांच जिलों से मिला पोटाश का अकूत भंडार (इमेज- फाइल फोटो)

भारत कई तरह के प्राकृतिक खजानों का गढ़ माना जाता है. कहीं तेल का अकूत भंडार है तो कहीं कोयले का. कहीं सोने की खदान है तो कहीं जमीन हीरा उगलती है. हर राज्य अपने प्रदेश के इन नेचुरल रिसॉसेस के जरिये डेवलपमेंट कार्य करती है. राजस्थान की जमीन से अब पोटाश के खदान मिलने से राज्य को अब नई पहचान मिलने की उम्मीद जताई गई है.

पोटाश का इस्तेमाल उर्वरकों में किया जाता है. ये पहली बार है कि देश में पोटाश की खान मिली है. अब सरकार मई में इसकी नीलामी करने की तैयारी में है. अभी तक राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू और नागौर के कुछ इलाकों में पोटाश की खदान मिली है. इन्हें बेचकर होने वाली आय से राज्य का खजाना भर जाएगा.

अभी बाहर से आता है पोटाशअभी तक भारत में कहीं भी पोटाश की खदान नहीं थी. राजस्थान में ही पांच जिलों में पोटाश की खदान मिलने से देश के खनिज एक्सपर्ट्स में भी ख़ुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. अभी हर साल यहां पांच मिलियन टन पोटाश का आयात होता है. इसे खरीदने के लिए देश दस हजार करोड़ विदेशी मुद्रा खर्च करती है. लेकिन अब राजस्थान के इन खदानों की वजह से ये निर्भरता खत्म हो जाएगी. इससे देश का खजाना खाली नहीं होगा.

विश्व में मिलेगी पहचानभारत अभी पोटाश कनाडा, रुस और तुर्कमेनिस्तान से मंगवाता है. राजस्थान में खदान मिलने से अब देश के अंदर ही इसे सर्कुलेट किया जा सकेगा. बाहर से आने वाला नब्बे प्रतिशत पोटाश अभी फर्टिलाइजर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. राजस्थान में मिले पांच पोटाश खदानों में 2,476.58 मिलियन टन पोटाश है. इससे देश अब जरुरत भर पोटाश इस्तेमाल कर बाहर भी बेच कर कमाई कर सकता है.


First Published :

March 22, 2025, 12:25 IST

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