इस हॉस्टल के आदिवासी बच्चों की अनोखी है दिनचर्या, प्रतिदिन होता है मंत्रोच्चारण, आरती और राष्ट्र का जयघोष-The tribal children of this hostel have a unique daily routine, every day there is chanting of mantras, aarti and national anthem

सिरोही : जिले में एक संस्था ऐसी भी है जो आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के साथ ही राष्ट्रवाद और संस्कारवान बनाने के लिए उचित माहौल प्रदान करने का काम कर रही है. इस संस्था के हॉस्टल में आदिवासी बच्चों को रहने और भोजन समेत अन्य सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जा रही है. वहीं इन छात्रावासों में रहने वाले बच्चों के दिन की शुरुआत मंत्रोच्चारण, आरती, भजन और राष्ट्रगान के जयघोष से होती है.
राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद द्वारा सिरोही जिले के आबूरोड अलावा उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा समेत आदिवासी क्षेत्रों में छात्रावास चलाए जा रहे हैं. आबूरोड तहसील में मानपुर स्थित दादूदयाल विद्या आश्रम में 26 बच्चे अध्ययनरत है. यहां दो कार्मिकों का स्टाफ बच्चों के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं की देखभाल करता है.
प्रतिदिन बच्चों की दिनचर्या की शुरुआत सुबह ओमकार ध्वनि, प्रात:स्मरण, एकात्मस्रोतम, एकात्म मंत्र, गायत्री मंत्र और शांति मंत्र के साथ होती है. इसके बाद बच्चे आसपास के स्कूलों में चले जाते हैं. शाम को सभी बच्चे एक साथ आरती, राम स्तुति के साथ माता-पिता देवी-देवताओं के साथ गौमाता और भारतमाता के जयघोष लगाते हैं. इससे बच्चों में राष्ट्र के प्रति लगन की भावना जागृत करने का प्रयास किया जाता है. छात्रावास में बच्चों की ये दिनचर्या सुनने वाला हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है.
यहां रहकर पढ़ा एक छात्र बना आरएएस इस छात्रावास में रहने वाले आदिवासी बच्चे अच्छी शिक्षा और संस्कार ग्रहण कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी चयनित हुए हैं. यहां के राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण, धार्मिक और सकारात्मक माहौल का ही नतीजा है कि यहां से पढ़कर उच्च अध्ययन करने वाले भेराराम गरासिया की कड़ी मेहनत के चलते उनका आरएएस परीक्षा में चयन हुआ और जिले के गरासिया जनजाति के पहले आरएएस अधिकारी बने.
युवाओं में राष्ट्र भावना जगाना उद्देश्यआश्रम छात्रावास के संचालन समिति के अध्यक्ष जगदीश रावल और छात्रावास प्रभारी नवलराम ने बताया कि वनवासी कल्याण परिषद की स्थापना 1978 में हुई थी. परिषद छात्रावास के अलावा संस्कार केंद्र, संस्कृति जागरूकता केंद्र समेत कई केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. परिषद आदिवासी क्षेत्र में जनजाति समाज के पारम्परिक और सांस्कृतिक मूल्यों में विश्वास को मजबूत करने के साथ ही उनमें राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने का कार्य कर रहे हैं. आदिवासी युवाओं में राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने के लिए नेतृत्व कौशल का भी निर्माण किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 23:25 IST