राजस्थान में जनजातियों का अनोखा रिवाज, दुल्हा-दुल्हन को खाट पर झुलाते हैं लोग, इस नृत्य का है विशेष महत्व

Last Updated:May 19, 2025, 06:01 IST
Rajasthan Garasia Tribe Unique Tradition: राजस्थान के गरासिया जनजाति में शादी के दौरान एक खास परंपरा निभाई जाती है. शादी के दौरान दुल्हा-दुल्हन को पारंपरिक परिधान में पुरूष और स्त्री खाट पर बिठाकर झुलाते हैं. स…और पढ़ेंX
दूल्हे को खाट पर बैठा कर झुलाते रिश्तेदार
हाइलाइट्स
गरासिया जनजाति में शादी में दूल्हा-दुल्हन को खाट पर झुलाने की परंपरा है.मोरिया नृत्य के बिना गरासिया जनजाति की शादी अधूरी मानी जाती है.महिलाएं लोकगीत गाती हैं और पुरुष ढोल की थाप पर झूमते हैं.
सिरोही. आपने दूल्हे ओर दुल्हन को कई शादी समारोह में डांस करते तो देखा होगा, लेकिन राजस्थान की एक आदिवासी जनजाति में शादी समारोह में हर दूल्हे और दुल्हन को खाट पर बिठाकर हवा में उछाला जाता है. राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती जिलों में बसी गरासिया जनजाति में कई अनोखे रीति-रिवाज हैं. इस जनजाति में शादी समारोह बड़े अनोखे अंदाज में मनाया जाता है.
आखातीज के बाद यहां शादियों का सीजन भी शुरू हो जाता है. इन शादीसमारोह में सैकडों की संख्या में लोग शामिल होते हैं. इन शादी समारोह में कई अनूठे रीति-रिवाज भी होते हैं, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. इन्हीं अनूठे रीति-रिवाजों में से एक है मोरिया नृत्य.
मोरिया डांस के बिना शादी अधूरीइस परंपरा के मुताबिक किसी भी शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन को खाट पर बिठाकर झुलाने की परंपरा निभाई जाती है. दुल्हे के पक्ष के पुरुष परंपरागत परिधान व महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहन कर दूल्हा- दुल्हन को खाट पर बिठकर झुलाते हैं. महिलाएं अपनी भाषा में लोकगीत गाती हैं, तो पुरुष भी ढोल की थाप पर झूमते है. इस नृत्य को मोरिया नृत्य कहते हैं. इस नृत्य के बिना शादी को अधूरा माना जाता है. माउंट आबू उपखंड के उपलागढ़ गांव में हुई एक शादी में दूल्हा-दुल्हन हो मोरिया डांस करवाया गया.
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कई वर्षों से चली आ ये परंपरागांव के रहवासी देवाराम गरासिया ने बताया कि सिरोही जिले के आबूरोड, माउंट आबू, पिंडवाड़ा के आदिवासी बहुल गांव में आज भी शादी समारोह में मोरिया नृत्य करवाया जाता है. यह परंपरा लंबे अर्से से निभाई जा रही है. नृत्य के बाद परिवार के लोग एक-दूसरे को बधाइयां देकर उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं. पारंपरिक मोरिया नृत्य को उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसमें वर पक्ष वाले दूल्हा-दुल्हन को खाट पर बिठाकर लोक गीत गाते हुए बार-बार से झुलाते हैं. यदि परिवार में दो भाइयों की शादी हो रही है, तो पहले सबसे बड़े दूल्हे को खाट पर बिठाकर दूल्हे पक्ष के पुरुष व महिलाएं खाट को दोनों तरफ से हाथ में उठाते हुए दूल्हे को झुलाते हैं.
उसके बाद छोटे भाई की बारी आती है. इसी तरह जितने भी दूल्हों की शादी होती है बारी-बारी सभी को झूला झुलाते हैं. दूल्हों के बाद दुल्हन को झुलाया जाता है. उसी प्रकार सबसे पहले सबसे बड़ी दुल्हन को और बाद में उससे छोटी दुल्हनों को खाट पर बैठाकर झुला झुलाया जाता है. कार्यक्रम को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
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Sirohi,Rajasthan
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राजस्थान में जनजातियों का अनोखा रिवाज, खाट पर दुल्हा-दुल्हन को झुलाते हैं लोग