बीकानेर का अनोखा मंदिर, खड़े होकर होती है पूजा, 5 फीट ऊंचा शिवलिंग, खड़ी स्वरूप में माता पार्वती

Last Updated:April 24, 2025, 13:54 IST
पुजारी विकास सेवग ने बताया कि यह मंदिर करीब 225 साल पुराना मंदिर है. इस मंदिर की खासियत है कि सिर्फ बीकानेर में इसी मंदिर में माता पार्वती खड़ी है यानी खड़े स्वरूप में होती है तो जहां माता खड़े स्वरूप में होती …और पढ़ेंX
रिडमलसर पुरोहित सागर गांव की. यहां प्रसिद्ध डूंगरेश्वर महादेव मंदिर
बीकानेर के कई राजा महाराजा थे. जिन्होंने पूरी दुनिया में अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया है. ऐसे ही एक महाराजा थे जो दिखने में तो काफी लंबे चौड़े थे. इसी वजह से उन्होंने भगवान शिव का एक ऐसा अनोखा मंदिर बनवाया था. जिसकी शिवलिंग की हाइट ही 4 से 5 फुट है. ऐसे महाराजा डूंगर सिंह जी बड़े आराम से बैठकर शिवलिंग पर पानी और दूध चढ़ा देते थे. ऐसे में आज इस शिवलिंग पर लोग पूजा करने के लिए खड़े होकर पानी और दूध चढ़ाना पड़ता था. हम बात कर रहे हैं बीकानेर से 20 किलोमीटर दूर रिडमलसर पुरोहित सागर गांव की.
यहां प्रसिद्ध डूंगरेश्वर महादेव मंदिर है. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग जमीन से पांच फीट ऊपर है. यहां लोग खड़े होकर ही पूजा करते है. इस मंदिर में 24 प्रकार के शिवलिंग है. यह मंदिर सबसे अलग इसलिए भी है कि इस मंदिर में माता पार्वती खड़े स्वरूप में है. यह बीकानेर का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां माता पार्वती खड़े स्वरूप में है.
यह मंदिर करीब 225 साल पुरानापुजारी विकास सेवग ने बताया कि यह मंदिर करीब 225 साल पुराना मंदिर है. इस मंदिर की खासियत है कि सिर्फ बीकानेर में इसी मंदिर में माता पार्वती खड़ी है यानी खड़े स्वरूप में होती है तो जहां माता खड़े स्वरूप में होती है वो सती का कारक होती है. इनको ललिता कुमारी के नाम से भी जाना जाता है. कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की मन्नत के साथ शिव की आराधना करती हैं. विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र की कामना के साथ उपवास रखती हैं. वैसे तो हिंदुस्तान में लाखों शिव मंदिर हैं लेकिन बीकानेर में एक ऐसा मंदिर है जहां सिर्फ खड़े होकर शिवलिंग की पूजा की जाती है.ऐसा करने से जल्दी शादी हो जाती है.
अमावस्या पर पूजा का महत्वइस मंदिर का कुंवारों में खास महत्व है. कहते हैं यहां पूजा करने वाले की मुराद पूरी होती है और उसकी जल्दी शादी हो जाती है. मंदिर पुजारी विकास सेवग ने बताया यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है. इसे महाराजा डूंगर सिंह ने बनवाया था. मंदिर की फाल्गुन महीने में की गयी थी. फिर महाराजा के पुत्रों ने इस मंदिर का बार बार जीर्णोद्धार कराया. यहां अमावस्या पर पूजा का महत्व है. अगर किसी की शादी नहीं हो रही या टूट रही है तो यहां अमावस्या पर पूजा करते हैं. उनकी मनोकामना पूरी होती है. यह मंदिर खड़ी पूजा पद्धति के लिए बनाया गया है.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
April 24, 2025, 13:54 IST
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बीकानेर का अनोखा मंदिर, खड़े होकर होती है पूजा, 5 फीट ऊंचा शिवलिंग