7 फुट के महाबली! भरतपुर के इस पहलवान की ताकत के आगे कांपते थे दिग्गज!

Last Updated:March 02, 2025, 16:27 IST
भरतपुर के कौरेर गांव में जन्मे कारे सिंह पहलवान अपनी अद्भुत शक्ति और 7 फुट के विशाल कद के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने 57 कुश्तियों में अजेय रहते हुए “हिन्द केशरी” का खिताब जीता. उनकी दहाड़ और कुश्ती के किस्से आज …और पढ़ेंX
भरतपुर के महाबली पहलवान
मनीष पुरी/भरतपुर– राजस्थान की पावन भूमि ने कई वीर योद्धा और महान पहलवानों को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक थे भरतपुर जिले के कौरेर गांव में जन्मे कारे सिंह पहलवान, जो अपनी ताकत और विशाल कद-काठी के कारण अजय हिन्द केशरी के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनका कद केवल शारीरिक रूप से ही ऊंचा नहीं था, बल्कि कुश्ती के अखाड़े में भी उनका कोई सानी नहीं था। लगभग सात फुट लम्बे और 300 किलो वजनी कारे सिंह अपने दौर के बेमिसाल पहलवानों में गिने जाते थे।
बचपन से कुश्ती के प्रति जुनूनकारे सिंह को बचपन से ही अखाड़े की मिट्टी से गहरा लगाव था। जब उनके हमउम्र बच्चे खेल-खेल में गली-मोहल्लों में दौड़ते थे, तब कारे सिंह अपना अधिकांश समय दंड-बैठक और कुश्ती के गुर सीखने में लगाते थे। उनकी मेहनत, जुनून और अपार शक्ति को देखकर गाँव के बुजुर्ग भी मानने लगे थे कि यह बालक भविष्य में कुश्ती की दुनिया में इतिहास रचेगा। जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ी, उनकी ताकत और फुर्ती में भी अद्भुत निखार आता गया।
कुश्ती के अखाड़े में अद्भुत सफरकारे सिंह ने अपने सफर की शुरुआत गाँव के छोटे-मोटे दंगलों से की, लेकिन जल्द ही उनका नाम आसपास के जिलों में गूँजने लगा। जब वे अखाड़े में कदम रखते, तो ऐसा लगता मानो कोई शेर अपनी मांद से निकला हो। भीड़ उनके नाम की गूँज से थर्रा उठती और प्रतिद्वंद्वी बिना लड़े ही सहम जाता।
वे न केवल शारीरिक रूप से मजबूत थे, बल्कि कुश्ती के दाँव-पेचों में भी माहिर थे। उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े दंगलों में अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाई और अंततः हिन्द केशरी का प्रतिष्ठित खिताब जीत लिया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके गाँव, बल्कि पूरे भरतपुर को गर्व से भर दिया।
हिन्द केशरी बनने के बाद अविश्वसनीय जीत का सिलसिलाहिन्द केशरी बनने के बाद कारे पहलवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने देश-विदेश में 57 रोमांचक कुश्तियों में भाग लिया और हर बार विजयी हुए। जब वे अखाड़े में उतरते, तो उनकी गर्जना इतनी शक्तिशाली होती कि आसपास के पेड़ों पर बैठे पक्षी सहमकर उड़ जाते। उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि एक बार हाथ में पकड़ लेने के बाद कोई भी पहलवान उनके पंजे से छूट नहीं पाता था।
युवाओं के लिए प्रेरणाकारे सिंह केवल एक महान पहलवान नहीं थे, बल्कि अपने गाँव और समाज के लिए एक प्रेरणा भी थे। उनकी मेहनत, समर्पण और संघर्ष की कहानी आज भी गाँव के युवा पहलवानों को प्रेरित करती है। कौरेर गाँव में उनका मूर्ति स्थल भी बनाया गया है, जहाँ युवा पहलवान आज भी अभ्यास करते हैं।
कारे सिंह की अमर गाथाआज भी जब गांव के बुजुर्ग कारे पहलवान के किस्से सुनाते हैं, तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उनकी दहाड़, उनकी कुश्ती और उनका हौसला भरतपुर के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा.
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
March 02, 2025, 16:27 IST
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7 फुट के महाबली! भरतपुर के इस पहलवान की ताकत के आगे कांपते थे दिग्गज!