VDO के पोस्ट को मारी लात, 14-15 घंटे तक रोजाना की पढ़ाई, गांव की बेटी ने ऐसे हासिल की RAS में 103वीं रैंक

Last Updated:October 17, 2025, 10:23 IST
RAS 2023 Success Story: जयपुर के लूणवा गांव की संगीता कुमावत ने RAS 2023 में 103वीं रैंक हासिल कर परिवार और गांव का नाम रोशन किया. B.Ed की डिग्री रखने वाली संगीता ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर दिन-रात 14-15 घंटे की मेहनत की. यह उनका दूसरा प्रयास था और उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई मंज़िल दूर नहीं. उनकी सफलता हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती है.
जयपुर. जयपुर जिले के लूणवा गांव की साधारण परिवार से आने वाली संगीता कुमावत आज अपने परिवार ही नहीं, पूरे क्षेत्र की प्रेरणा बन चुकी हैं. पिता बनवारी लाल कुमावत, जो बिल्डिंग लाइन कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े हैं और माता चंपा देवी की बेटी संगीता ने यह साबित कर दिया कि अगर लगन और निरंतर मेहनत हो, तो कोई मंज़िल दूर नहीं. संगीता ने RAS 2023 की फाइनल परीक्षा में 103वीं रैंक हासिल की है. वर्तमान में गोविंदपुरा, जयपुर में रहने वाली संगीता ने शिक्षा में B.Ed की डिग्री हासिल की. उन्हें पहले VDO (ग्राम विकास अधिकारी) भर्ती परीक्षा में चयन मिला, लेकिन ज्वाइन नहीं किया था और उन्होंने यहीं रुकना सही नहीं समझा, क्योंकि संगीता ने कुछ बड़ा करने का ठान रखा था. उन्होंने बड़ा सपना देखा जो कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारी बनकर पूरा किया.
संगीता ने दिन-रात मेहनत की, 14 से 15 घंटे की लगातार पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को हासिल किया. उनका यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का डटकर सामना किया. यह उनका RAS का दूसरा प्रयास था और इस बार उन्होंने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि शानदार 103वीं रैंक हासिल की. 2021 RAS परीक्षा दी थी लेकिन अंतिम रूप से चयन नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने दोबारा 2023 RAS परीक्षा में शामिल होकर पूरे परिवार और गांव का नाम रोशन कर दिया. संगीता अपने परिवार की पहली महिला हैं, जिन्होंने उच्च स्तर की सरकारी नौकरी हासिल की है. यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखती है.
सोशल मीडिया से बनाए रखी दूरी
संगीता कुमावत ने बताया कि वह सोशल मीडिया से बिल्कुल दूर रही. उनको जब लगने लगा कि सोशल मीडिया उनकी सफलता के बीच में बाधा बन रहा है तो उन्होंने सोशल मीडिया को ही हटा दिया. केवल यूट्यूब पर ऑनलाइन क्लास लिया करती थी. उन्होंने अपने आप को एक कमरे में बंद कर लिया और सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया. संगीता कुमावत ने बताया कि जब वह थक जाती थी या पढ़ाई में आलस आता था तो वह अपने माता-पिता से बात करती थी. बात करने से संगीता मोटिवेट होती थी और फिर से अपनी पढ़ाई में लग जाती थी. संगीता ने बताया कि उनकी सफलता का असली मोटिवेशन उनके माता-पिता है.
ध्यान केंद्रित करने के लिए करती थी योगासन
संगीता सुबह जल्दी उठकर नियमित रूप से योगासन करती थी ताकि पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़े और शरीर में ऊर्जा बनी रहे. अपनी पढ़ाई की शुरुआत वह सबसे पहले रिवीजन से करती थी. उन्होंने बताया कि पूरे दिन वह जो भी पढ़ाई करती थी उसका सुबह व शाम को रोजाना रिवीजन करती थी. एक सुनियोजित रणनीति बनाकर पढ़ाई पर फोकस कर यह लक्ष्य हासिल किया है. जब लोग घूमने- फिरने, त्यौहार मनाने और शादियों का आनंद उठाने में व्यस्त थे तब संगीता अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में कड़ी मेहनत कर रही थी और आज इसी मेहनत ने एक नया त्योहार पूरे परिवार में ला दिया है. उन्होंने अपनी इस सफलता से पूरे परिवार और पूरे गांव को एक नई दिशा प्रदान कर दी है.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
October 17, 2025, 10:23 IST
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VDO के पोस्ट को मारी लात, 14-15 घंटे तक रोजाना पढ़ाई कर RAS में पाई सफलता