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लाहौर के मजदूरों ने बनवाया था यह मंदिर, हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं अरदास, भक्त चढ़ाते हैं कपड़े का घोड़ा

Last Updated:March 16, 2025, 11:07 IST

सीकर का पचार गांव धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है, जहां रामदेव जी महाराज का मंदिर मजदूरों ने 1932 में बनाया. यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्मों के श्रद्धालु आते हैं.X
रामदेव
रामदेव जी मंदिर 

हाइलाइट्स

पचार गांव का रामदेव जी मंदिर धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है.मंदिर का निर्माण 1932 में लाहौर के मजदूरों ने किया था.भक्त मनोकामना पूर्ण होने पर कपड़े का घोड़ा चढ़ाते हैं.

राहुल मनोहर/सीकर. राजस्थान का सीकर जिला धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है. यहां खाटूश्याम जी, जीण माता और हर्ष पर्वत स्थित शिव मंदिर के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. इसके अलावा, पचार गांव में भी एक ऐतिहासिक मंदिर है. यह मंदिर लोक देवता रामदेव जी महाराज को समर्पित है और धार्मिक सद्भाव का अनूठा उदाहरण है, यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के श्रद्धालु आते हैं. इसकी विशेषता यह है कि इसका निर्माण न तो पंडितों, न राजा-महाराजाओं और न ही ग्रामीणों ने किया, बल्कि पाकिस्तान के लाहौर में काम करने गए मजदूरों ने कराया.

सीकर जिले के पचार गांव में मुख्य बस स्टैंड और बाजार के बीच लोक देवता रामदेव जी महाराज का मंदिर स्थित है, जिसका निर्माण 19वीं सदी में हुआ था. स्थानीय निवासी विक्रम मीणा के अनुसार, यह मंदिर 1932 में बना, जिसमें मजदूरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. उस समय क्षेत्र के मजदूर पाकिस्तान के लाहौर में काम करने जाते थे और रास्ते में जैसलमेर स्थित रामदेवरा में रामदेव जी के दर्शन करते थे.

10% हिस्सा मंदिर निर्माण के लिए समर्पितसमय के साथ मजदूरों की रामदेव जी महाराज के प्रति आस्था गहरी होती गई. रामदेवरा मंदिर के पुजारी से चर्चा के दौरान जब उन्होंने अपने गांव का उल्लेख किया, तो पुजारी ने वहां मंदिर बनाने की सलाह दी. इसके बाद मजदूरों ने अपनी रोज की कमाई का 10% हिस्सा मंदिर निर्माण के लिए समर्पित करना शुरू किया. करीब एक साल तक धन संचय करने के बाद गांव में क्षेत्र का सबसे बड़ा रामदेव जी महाराज का मंदिर बनाया गया.

भक्त चढ़ाते हैं कपड़े के घोड़ेविक्रम मीणा के अनुसार, बाबा रामदेव जी के भक्तों को ‘घोडला’ कहा जाता है. जिले से लाखों श्रद्धालु रामदेवरा में दर्शन के लिए जाते हैं. पचार गांव स्थित बाबा रामदेव जी मंदिर की विशेषता यह है कि भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर यहां कपड़े का घोड़ा भेंट करते हैं. मान्यता है कि यदि किसी परिवार में अधिक लड़ाई-झगड़े होते हैं, तो इस मंदिर में आकर ज्योत जलाने से ग्रह कलेश दूर हो जाता है.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

March 16, 2025, 11:07 IST

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लोक देवता रामदेव जी महाराज का ऐतिहासिक मंदिर, 19वीं सदी में हुआ था निर्माण

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