The world’s richest man is paying less tax than the common man | खुलासाः आम आदमी से भी कम टैक्स दे रहे दुनिया के सबसे अमीर लोग

जयपुरPublished: Oct 23, 2023 11:49:01 pm
दुनिया भर की सरकारों को कर चोरी रोकने के लिए अरबपतियों पर एक न्यूनतम टैक्स तो लगाना ही चाहिए। ईयू टैक्स ऑब्जर्वेटरी की रिपोर्ट के अनुसार, अरबतियों पर 2 फीसदी कर से सरकारों को 20793 अरब रुपए तक की आय हो सकती है।
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दुनिया भर की सरकारों को कर चोरी रोकने के लिए अरबपतियों पर एक न्यूनतम टैक्स तो लगाना ही चाहिए। इससे कराधान में बढ़ोतरी होगी और ये 250 अरब डॉलर (20793 अरब रुपए) के स्तर तक पहुंच जाएगा। पेरिस स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से संबद्ध ईयू टैक्स ऑब्जर्वेटरी की रिपोर्ट में ये कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 2700 अरबपतियों के पास कुल 13 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति है। इन पर मात्र दो फीसदी टैक्स से करीब 250 अरब डॉलर
टैक्स राशि सरकारों के पास जमा हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल अरबपतियों पर निजी टैक्स की प्रभावी दर उस दर से भी काफी कम है, जो कि आम करदाता दुनिया भर में चुका रहे हैं। ‘2024 ग्लोबल टैक्स इवेजन रिपोर्ट’ के अनुसार, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अरबपतियों के द्वारा शैल (छद्म) कंपनियों में पैसा पार्क किया जा रहा है और वे कोई भी टैक्स देनदारी से बच जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में दुनिया भर के अरबपतियों के पास उनकी कुल संपदा की तुलना में टैक्स देनदारी मुश्किल से 0 से 0.5 फीसदी ठहरती है। रिपोर्ट में अमरीका में अरबपतियों पर टैक्स की प्रभावी दर 0.5 फीसदी और फ्रांस में शून्य आंकी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अरबपति अपनी संपत्ति को इस तरह स्ट्रक्चर करने की क्षमता रखते हैं कि इससे उन पर अधिक कर की देनदारी न बने। रिपोर्ट को जारी करते हुए ऑब्जर्वेटरी के निदेशक गेब्रियल जुकमैन ने पत्रकारों से कहा, इसको किसी तरह से तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता।