Rajasthan

The year was in discussion for controversial statements | Year Ender 2022: गहलोत सहित मंत्री-विधायकों के विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहा साल

सीएम ने बताया निकम्मा-नकारा, गद्दार
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2022 में भी निकम्मा- नकारा और गद्दार जैसे विवादित बयान देकर खूब सुर्खियां बंटोरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां कई बार इशारों-इशारों में अपने धुर विरोधी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर बयान दिए तो भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में शुरू होने से पहले गद्दार शब्द का इस्तेमाल करके भी खूब सुर्खियां बटोरी थी, जिस पर पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं मुख्यमंत्री गहलोत के निशाने पर अकेले सचिन पायलट नहीं रहे बल्कि जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मुख्यमंत्री गहलोत के निशाने पर रहे, जहां सीएम गहलोत ने ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर कई बार गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा-नकारा करार दिया। हालांकि इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री को सफाई भी देनी पड़ी थी।

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धारीवाल ने राजस्थान को बताया था मर्दों का प्रदेश
वहीं संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल भी अपने एक बयान को लेकर काफी विवादों में रहे थे। शांति धारीवाल ने विधानसभा के भीतर चर्चा के दौरान रेप के मामलों में नंबर वन के सवाल का जवाब देते हुए राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बता दिया था जिस पर सदन के अंदर और बाहर विपक्ष सहित सामाजिक और महिला संगठनों ने खूब हंगामा किया था। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया था, मामला बढ़ा तो शांति धारीवाल को सदन में ही अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी, और साथ ही सफाई भी दी कि उनके कहने का अर्थ गलत निकाला गया था।

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प्रताप सिंह ने जोशी को बताया था गुलाम
वहीं कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास अधिकारियों की एससीआर भरने के मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री महेश जोशी से भिड़ गए थे। प्रताप सिंह ने कहा था कि अधिकारियों की एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को मिलना चाहिए, जिस पर कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने खाचरियावास के इस बयान को लेकर आपत्ति जाहिर की दी थी, जिस पर दोनों के बीच बयानबाजी तेज हुई तो प्रताप सिंह खाचरियावास ने महेश जोशी को गुलाम तक कह दिया था, जिस पर महेश जोशी ने भी प्रताप सिंह खाचरियावास पर पलटवार किया था। मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और उसके बाद प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए अपना बयान वापस लेते हुए महेश जोशी को अपना बड़ा भाई बता दिया था।

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गोविंद राम मेघवाल ने करवा चौथ पर दिया था विवादित बयान
गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने भी करवा चौथ को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसे लेकर गोविंद राम मेघवाल सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ-साथ विपक्ष के निशाने पर भी आ गए थे। इसी साल जयपुर में कार्यक्रम में गोविंद राम मेघवाल ने कहा था कि भारत में महिलाएं अभी भी छलनी से देखती हैं और करवा चौथ पर अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं जबकि विकसित देशों में महिलाएं चांद पर जा रही हैं, उनके इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था बाद में मंत्री को अपने बयान पर माफी मांगी थी।

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राजेंद्र गुढ़ा ने धारीवाल को लेकर दिया विवादित बयान
25 सितंबर सियासी घटनाक्रम के दौरान सचिन पायलट खेमे के माने जाने वाले राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने पर्यवेक्षकों की ओर से बुलाई आधिकारिक विधायक दल की बैठक के सामान्तर विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को लेकर विवादित बयान दिया था। गुढ़ा ने धारीवाल की बढ़ती उम्र को लेकर विवादित बयान था जिसके बाद मामला काफी बढ़ गया था और इस मामले में पार्टी नेतृत्व को भी हस्तक्षेप करना पड़ा और बयानबाजी रोकने के लिए एक सर्कुलर जारी करना पड़ा था।

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हनुमान बेनीवाल ने राहुल गांधी पर दिया था विवादित बयान
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महिला नेताओं के साथ राहुल गांधी के फोटो को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने राहुल गांधी की शादी को लेकर सवाल खड़े किए थे। हनुमान बेनीवाल ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मेरी भी शादी लेट हुई है लेकिन राहुल गांधी 55 साल का हो गया है , अभी तक शादी नहीं हुई, मुख्यमंत्री से अपील है कि पहले राहुल गांधी की शादी करवाओ फिर भारत जोड़ो यात्रा निकालना।

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