After Defeat in West Bengal Election, BJP 10 leaders resigned | बंगाल में हार के बाद भाजपा में तकरार तेज, नदिया में 10 नेताओं ने दिया इस्तीफा

आसनसोल लोकसभा, बालीगंज विधानसभा उपचुनाव और नगरपालिका चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार की पराजय के बाद बंगाल पार्टी में तकरार मची हुई है। पश्चिम बंगाल उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद भाजपा के बंगाल नेतृत्व के खिलाफ सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
नई दिल्ली
Published: April 18, 2022 04:30:29 pm
बंगाल में आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर फिर बगावत तेज हो गई है। मुर्शिदाबाद से बीजेपी के उम्मीदवार गौरी शंकर घोष ने पार्टी के राज्य कमेटी के सदस्य सहित पदों से इस्तीफा देने के बाद अब बीजेपी राज्य कमेटी के सदस्य देबाशीष मित्र सहित नदिया जिला समिति के तीन महासचिव सहित नदिया जिला कमेटी के 10 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है।

बंगाल में हार के बाद भाजपा में तकरार तेज, नदिया में 10 नेताओं ने दिया इस्तीफा
पश्चिम बंगाल उपचुनाव में मिली करारी हार भाजपा के नेताओं के गले नहीं उतर पा रही है। इसे लेकर प्रदेश भाजपा में व्याप्त अंदरूनी कलह उभरकर सामने आ गया है। भाजपा के कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी पर सवाल उठा रहे हैं।
मुर्शिदाबाद जिले के विधायक गौरी शंकर घोष ने पार्टी पर अकुशल लोगों को नेतृत्व की भूमिका में रखने का आरोप लगाते हुए शनिवार को राज्य महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा “मैं बीजेपी नहीं छोड़ रहा हूं। मैं महासचिव का पद छोड़ रहा हूं क्योंकि मेरे फैसलों का कोई मतलब नहीं है।” वहीं, नदिया जिले में भी 10 नेताओं ने भी इसी तरह के कारणों का हवाला देते हुए शनिवार को इस्तीफा दे दिया।
तो दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “हम उन लोगों से बात करेंगे जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है और उनकी शिकायतों पर चर्चा करेंगे।” सौमित्र खान की आलोचना को अपनी निजी राय बताते हुए मजूमदार ने कहा, “उन्हें (खान को) याद रखना चाहिए कि इन उपचुनावों के पर्यवेक्षक सुवेंदु अधिकारी थे और सह-पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह थे।” अधिकारी और सिंह दोनों खान की तरह पक्ष बदलने से पहले टीएमसी के वरिष्ठ नेता थे।
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तो वहीं बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी की हार की उम्मीद पहले से थी। ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी बंगाल ईकाई का नेतृत्व अनुभवहीन नेता कर रहे हैं। जो राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हैं।”
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