Rajasthan

राजस्थान में भी है अलकनंदा-भागीरथी जैसा अद्भुत संगम! पर्यटन का बन सकता है बड़ा केंद्र

Last Updated:July 25, 2025, 12:45 IST

Rajasthan Ka Devprayag: उदयपुर में सीसारमा नदी का उद्गम स्थल अमरजोग और अहार नदियों के संगम से होता है. अमरजोग नदी साफ पानी लाती है जबकि अहार नदी मटमैले पानी के साथ आती है. इनका मिलन एक अनोखा दृश्य रचता है, जो ‘…और पढ़ें

हाइलाइट्स

राजस्थान में भी है देवप्रयाग जैसी जगहदो नदियों का है संगम स्थलपर्यटन की है अपार संभावनाएंउदयपुर. उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के दौरान देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदियों का संगम देखने लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं. वहां एक तरफ से मिट्टी युक्त गाद वाला पानी आता है और दूसरी ओर से साफ पानी, जो मिलकर पवित्र गंगा का रूप लेता है. ठीक वैसा ही एक अद्भुत प्राकृतिक संगम उदयपुर जिले में भी देखने को मिलता है, जहां दो अलग-अलग स्वभाव की नदियां मिलकर एक नई धारा का निर्माण करती हैं. यह दृश्य किसी भी मायने में उत्तराखंड के संगम से कम नहीं है.

यह संगम सीसारमा नदी का उद्गम स्थल है, जहां एक तरफ से अमरजोग नदी आती है और दूसरी ओर से अहार नदी.अमरजोग नदी आकोदड़ा डेम से निकलती है.यह पानी बांध की टनल से निकल कर आता है, जिससे पानी में से मिट्टी छन जाती है और वह एकदम साफ और पारदर्शी नजर आता है. वहीं दूसरी ओर नांदेश्वर तालाब से निकलने वाली अहार नदी बारिश के पानी से भरती है, लेकिन इसमें बहते हुए गंदगी और मिट्टी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे यह नदी का पानी मटमैला दिखता है.

मनोरम दृश्य पैदा करता है दो नदियों का संगम

दोनों नदियों के मिलने का यह दृश्य इतना मनोरम होता है. एक ओर कांच की तरह साफ बहती धारा और दूसरी ओर गाद से भरी धारा नजर आती है. दोनों मिलकर सीसारमा नदी का निर्माण करती है. यह सीसारमा नदी आगे जाकर उदयपुर की झीलों का श्रृंगार करती है, जिसमें पिछोला और फतहसागर मुख्य हैं. इस संगम स्थल की विशेषता यह है कि यहां पानी के रंग और पारदर्शिता में स्पष्ट फर्क देखा जा सकता है, जैसे दो अलग-अलग रंग की धाराएं एकसाथ बह रही हों. यदि इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए, तो यह उदयपुर के धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की सूची में एक प्रमुख आकर्षण बन सकता है.

अलकनंदा-भागीरथी संगम की तरह यहां भी ‘राजस्थान का देवप्रयाग’ नाम से प्रचारित किया जा सकता है. साथ ही इसे पर्यावरण शिक्षा का केंद्र भी बनाया जा सकता है, जहां लोग जल स्रोतों की विविधता, प्रवाह और स्वच्छता को समझ सकें. संगम स्थल तक सुविधाजनक पहुंच, व्यूइंग डेक, जानकारी बोर्ड और पर्यटन गाइड जैसी सुविधाएं जोड़कर इसे आकर्षक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है. इससे  न केवल पर्यटक संख्या बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी बल मिलेगा.

Location :

Udaipur,Rajasthan

homerajasthan

उदयपुर में भी है देवप्रयाग जैसा संगम, पर्यटन का बन सकता है बड़ा केंद्र

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj