इस हलवाई के हाथ में है जादू, चार-पांच घंटों में बनाई गई भैंस के दूध की बर्फी 10 से 15 मिनट में ही हो जाती है खत्म
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के पचार गांव में एक ऐसा बर्फी बनाने वाला हलवाई है जिसकी बर्फी गांव और क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी प्रसिद्ध है. बिना किसी मिलावट के बनने वाली इस हलवाई की बर्फी काम करने वाले मजदूर अपने साथ लेकर जाते हैं. इस हलवाई के द्वारा बनाई गई बर्फी इतनी स्वादिष्ट होती है कि चार-पांच घंटों में बनाई गई बर्फी 10 से 15 मिनट में ही खत्म हो जाती है. स्वादिष्ट और स्पेशल बर्फी बनाने वाले इस हवाई का नाम भागचंद पारीक है. क्षेत्र के लोग इसे बर्फी वाला कहते हैं.
सीकर जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पचार गांव के बाजार में भागचंद पारीक बर्फी वाला की दुकान है. ये हलवाई करीब 30 साल से बर्फी बनाने का काम कर रहे है. इनके द्वारा बनाई गई बर्फी क्षेत्र में काफी फेमस है. हलवाई भागचंद पारीक ने बताया कि वह सालों से केवल बर्फी बनाने का काम ही कर रहे हैं. उनके बनाई हुई मिठाई जो एक बार खा लेता है वह दोबारा जरूर आता है.
शुद्ध स्वादिष्ट बर्फी बनती हैहलवाई भागचंद पारीक ने बताया कि उनकी मिठाई में किसी प्रकार के केमिकल या रंगों का प्रयोग नहीं किया जाता है. यह पूर्ण रूप से हर्बल और शुद्ध बर्फी होती है जो खाने में बेहद ही स्वादिष्ट होती है. इसके स्वाद के कारण ही लोग बर्फी ले जाकर महाराष्ट्र, गुजरात सहित अनेक राज्यों में अपने रिश्तेदारों को भेजते हैं.
भैंस के दूध से बनती है बर्फीभागचंद पारीक ने बताया कि वे शुद्ध देसी भैंस का दूध लेकर बर्फी को तैयार करते हैं उनके अनुसार एक ट्रे बर्फी को तैयार करने में लगभग 2 घंटे लग जाते हैं. वे हीटर से दूध को गर्म नहीं करते हैं बल्कि भट्टी में बर्फी बनाने का काम करते हैं. इस कारण 2 घंटे में धीरे-धीरे बनाकर यह बर्फी तैयार होती है.
उन्होंने बताया कि बाजार में बर्फी की कीमत मात्र 350 रुपए हैं. इसका कारण नकली मावे व केमिकल का इस्तेमाल करना है. उनके द्वारा शुद्ध मावे से बर्फी तैयार होती है इसलिए मेरे द्वारा बनाई गई बर्फी 500 रूपए किलो में बेची जाती है उसके बावजूद भी लोगों को मेरी बर्फी खूब पसंद आती है.
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FIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 22:09 IST