उदयपुर में एलिवेटेड रोड को लेकर बीजेपी में मचा घमासान, खफा उपमहापौर ने उठा डाला यह बड़ा कदम
उदयपुर. उदयपुर में भाजपा की गुटबाजी इतनी बढ़ गई है कि नगर निगम के उपमहापौर ने राज्य सरकार की ओर से निकाय भंग करने से पहले ही अपनी कुर्सी छोड़ दी है. उपमहापौर पारस सिंघवी ने पद छोडते हुए अपना चैम्बर खाली कर कार निगम को सुपुर्द कर दी है. अचानक हुए इस घटनाक्रम से बीजेपी में हड़कंप मच गया है. सिंघवी के इस कदम के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. उदयपुर बीजेपी विधानसभा चुनाव के बाद से ही बड़ी गुटबाजी के दौर से गुजर रही है.
यहां विधायक का टिकट मांग रहे पारस सिंघवी पिछले एक साल से अंदरखाने पार्टी से नाराज हैं. हालांकि वे पार्टी के सभी कार्यक्रमों में शामिल होते हैं लेकिन बताया जाता है कि बेमन से वे पार्टी से जुड़े हैं. टिकट वितरण के बाद वे गुलाबचंद कटारिया से भी खासे खफा हैं. विधायक बने भाजपा के ताराचंद जैन और गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ उपमहापौर पारस सिंघवी की ओर से की गई बयानबाजी की नाराजगी अभी तक कायम है. पिछले एक वर्ष में विधायक और उपमहापौर लगातार एलिवेटेड रोड को लेकर आमने सामने होते रहे हैं.
उपमहापौर एलिवेटेड रोड के नक्शे से संतुष्ट नहीं हैंयहां नगर निगम का कार्यकाल के समाप्त होने के कुछ दिनों पहले ही आनन फानन में एलिवेटेड रोड का शिलान्यास कार्यक्रम भी करवा दिया गया. इसमें पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी शामिल होने पहुंचे. उपमहापौर व्यक्तिगत कारणों से कार्यक्रम में अनुपस्थित होने की बात कह रहे हैं. बताया जा रहा है कि वे एलिवेटेड रोड के नक्शे से संतुष्ट नहीं हैं. एलिवेटेड रोड का शिलान्यास होने के बाद अब उपमहापौर ने निगम में बुधवार को निगम में स्थित अपना चैम्बर खाली कर दिया और कार भी वापस कर दी.
एलिवेटेड रोड का फायदा महज 20 प्रतिशत लोगों को मिलेगाउपमहापौर पारस सिंघवी अपना चैम्बर खाली करने के बाद बुधवार को फिर निगम पहुंचे लेकिन उपमहापौर की कुर्सी पर नहीं बैठे. इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि एलिवेटेड रोड का विरोध नहीं है. लेकिन जो नक्शा बनाया गया है उससे यह स्पष्ट है कि महज 20 प्रतिशत लोगों को इसका फायदा मिलेगा. 80 प्रतिशत लोगों के हित को ना देखकर विधायक ताराचंद जैन सिर्फ अपनी जिद्द के चलते एलिवेटेड रोड को आनन फानन में शुरू करवाने पर अड़े हैं. शहर में लगातार चर्चा है कि उपमहापौर पारस सिंघवी का होटल इसी एलिवेटेड रोड के नीचे आने से वे इसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन पारस सिंघवी ने इससे इनकार करते हुए साफ किया कि नक्शे में सुधार कर इसे रेलवे स्टेशन के फाटक से शुरू करते हुए बंशीपान के आगे उतारना चाहिये.
यह रहेगा एलिवेटेड रोड का रूटएलिवेटेड रोड रेलवे स्टेशन के पास से होगा शुरू. यह उदियापोल बस स्टैंड, सूरजपोल, बैंक तिराहा, देहलीगेट और कोर्ट चौराहा होते हुए कलेक्टर निवास तक बनेगा. टू लेन यह एलिवेटेड रोड 2.75 किलोमीटर लंबा होगा. करीब 136.89 करोड़ की लगात से बनने वाले इस एलिवेटेड रोड पर करीब तीन जगह 90 डिग्री के टर्न हो बनेंगे. ये खतरनाक साबित हो सकते हैं. पारस सिंघवी इन्हीं विषयों पर चर्चा की बात करने की मांग कर रहे हैं. पारस सिंघवी की मांग हैं कि एलिवेटेड रोड को भविष्य की सोच के साथ बनाना चाहिये. इसके लिये सभी जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों और एक्सपर्टस की राय लेनी चाहिये.
एलिवेटेड रोड के नक्शे पर चर्चा करने के लिये कोई तैयार नहीं हैपारस सिंघवी और विधायक ताराचंद जैन में पिछले एक साल से तनातनी चल रही है. उपमहापौर का पद छोड़ने के बाद भी पारस सिंघवी ने कहा कि 11 साल तक पार्टी और गुलाबचंद कटारिया का विरोध करने वाले को टिकट दिया, लेकिन फिर भी उसे स्वीकार किया गया. जनप्रतिनिधि होने के नाते गलत को ‘गलत’ कहना उनका फर्ज बनता है. फिर भी बात नहीं मानी जाती हैं तो यह जिम्मेदारों की मर्जी. बहरहाल विधायक और पारस सिंघवी की लड़ाई से बीजेपी की गुटबाजी इस बार उदयपुर के शहरी क्षेत्र में खुलकर सामने आ गई है. शायद यही वजह हैं कि एलिवेटेड रोड के नक्शे पर चर्चा करने के लिये कोई तैयार नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 07:08 IST