राजस्थान की राजनीति में आया तूफान, जानें क्यों हिल गई बीजेपी और कांग्रेस? सीएमओ को भी आना पड़ा एक्शन में

Last Updated:December 15, 2025, 12:17 IST
Rajasthan Politics : राजस्थान की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. यह बवाल मचा है भ्रष्टाचार के मामले को लेकर. भ्रष्टाचार का यह मामला तीन विधायकों से जुड़ा है. सूबे के इन तीन विधायकों का विधायक निधि की राशि में भ्रष्टाचार करने का कथित मामला उजागर होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों हिली हुई है. इसके पीछे वजह है कि इनमें दो विधायक बीजेपी और कांग्रेस के हैं. वहीं तीसरी विधायक निर्दलीय हैं. इस पूरे मामले को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी सख्त एक्शन के मूड में दिख रहे हैं.
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राजस्थान की सियासत में मचे इस बवाल में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां फंसी हुई है.
जयपुर. राजस्थान की सियासत एक बार फिर से देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस बार किस्सा कुर्सी से नहीं जुड़ा हुआ है बल्कि भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. इससे सत्ता पक्ष बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस में अच्छी खासी हलचल मची हुई है. दोनों एकदूसरे पर हमलावर भी नहीं है. इसके पीछे बड़ी वजह है भ्रष्टाचार के इस कथित केस में दोनों की पार्टियों के एक-एक विधायक का नाम सामने आया है. इन दो विधायकों के साथ ही एक निर्दलीय विधायक भी भ्रष्टाचार के इस मामले में शामिल बताया गया है. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपने-अपने विधायकों की जांच पड़ताल में जुटी हैं. इनके साथ ही सीएम भजनलाल और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी कड़ा रुख इख्तियार कर लिया है.
भ्रष्टाचार का यह मामला राजस्थान विधानसभा के तीन विधायक रेवंतराम डांगा, अनिता जाटव और ऋतु बनावत से जुड़ा हुआ है. इनमें डांगा बीजेपी से, जाटव कांग्रेस से और बानावत निर्दलीय विधायक हैं. रेवंतराम नागौर जिले की खींवसर, अनिता जाटव करौली की हिंडौन और ऋतु बानावत भरतपुर की बयाना सीट से विधायक हैं. ये तीनों विधायक हाल में एक प्रतिष्ठित अखबार की ओर से किए गए स्टिंग ऑपरेशन में एक्सपोज हो गए. तीनों विधायकों ने विधायक निधि से अनुशंषा के बदले कथित तौर कमीशन की मांग की. इस स्टिंग ऑपरेशन के मुताबिक इनमें बीजेपी के डांगा और कांग्रेस की जाटव ने रुपये ले लिए जबकि निर्दलीय विधायक बानावत के पति ने कहा कि काम हो जाने के बाद ले लेंगे. स्टिंग ऑपरेशन में भ्रष्टाचार का खुलासा हो जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई है.
सीएमओ ने बिठाई जांच, देवनानी भी आए एक्शन मूड मेंसीएम भजनलाल शर्मा ने इस पूरे मामले के खुलासे बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात दोहराई है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्टिंग ऑपरेशन के वायरल वीडियो की प्रमाणिकता को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसकी जांच के लिए 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. यह समिति 15 दिन में जांच पूरी कर मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. मुख्य सतर्कता आयुक्त भास्कर सावंत को इस समिति अध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही खींवसर, हिंडौन और बयाना विधानसभा क्षेत्रों के विधायक निधि खाते फ्रीज कर दिए गए हैं. इन क्षेत्रों में स्वीकृत सभी कार्यों के भुगतान और क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच सदाचार कमेटी को सौंपी है.
बीजेपी विधायक को नोटिस जारी, रंधावा ने डोटासरा से मांगी रिपोर्टवहीं दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों के प्रति सख्ती का रवैया अपना लिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने खींवसर विधायक रेवंतराम डागा को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन में जवाब मांगा है. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी पार्टी विधायक की रिपोर्ट तलब की है. रंधावा ने राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट करने को कहा है. इसके लिए डोटासरा को सात दिन का समय दिया गया है. भ्रष्टाचार के इस केस के सामने आने के बाद से पूरे सूबे में विधायक निधि को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इससे केवल तीन विधायक ही नहीं बल्कि कई अन्य विधायकों को लेकर कमीशनखोरी की सुगबुगाहट होने लगी है. यह मामला सोशल मीडिया में भी खासा छाया हुआ है.
फिलहाल बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाए हैंराजस्थान में इससे पहले भी इस तरह के सियासी तूफान आते रहे हैं. लेकिन इनमें सबसे ज्यादा चर्चित केस पिछली गहलोत सरकार में सीएम की कुर्सी को लेकर मचा था. वह देशभर में चर्चा रहा था. तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच छिड़ा वह सियासी संग्राम कई दिनों तक पूरे देशभर में छाया रहा था. इस केस में राजस्थान साफ तौर पर दो खेमों गहलोत और पायलट में बंट गई थी. उस समय विपक्ष में बैठी बीजेपी सत्तारूढ़ कांग्रेस पर जबर्दस्त तरीके से हावी रही. लेकिन इस मामले में दोनों की पार्टियों के विधायक शामिल हैं. लिहाजा दोनों ने एक दूसरे पर फिलहाल आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाए हैं.
About the AuthorSandeep Rathore
संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर…और पढ़ें
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
December 15, 2025, 11:57 IST
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राजस्थान की राजनीति में आया तूफान, जानें क्यों हिल गई बीजेपी और कांग्रेस?


