Rajasthan

ये हैं जयपुर के 5 चमत्कारी हनुमान मंदिर, जहां हर दिन उमड़ती है भक्तों की भीड़, परंपराओं और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध

Last Updated:November 23, 2025, 09:07 IST

जयपुर फेमस हनुमान मंदिर: जयपुर प्राचीन हनुमान मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. काले हनुमानजी मंदिर, चांदपोल हनुमानजी, घाट के बालाजी, खोले के हनुमानजी और विद्याधर नगर के पापड़ वाले हनुमानजी जैसे मंदिर आस्था और चमत्कार के केंद्र हैं. इन मंदिरों में मूर्तियां स्वयंभू हैं और कई जगहों पर बच्चों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं. भक्त यहां हर दिन हजारों की संख्या में दर्शन करते हैं. मंदिरों की स्थापना अलग-अलग कालखंडों में हुई और इनकी मान्यताएं, परंपराएं जयपुर की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखती है.जयपुर के चमत्कारी और संकटमोचन कष्टहरण हनुमान मंदिर

जयपुर अपने वर्षों पुराने प्राचीन मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, इसलिए यहां हजारों मंदिर हैं, जहां भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है. लेकिन सबसे ज्यादा लोग जयपुर के प्राचीन हनुमान मंदिरों में हर दिन दर्शन के लिए पहुंचते हैं. जयपुर में खासतौर पर हनुमानजी के प्राचीन मंदिरों में खोले के हनुमानजी, काले हनुमानजी, पापड़ वाले हनुमानजी, चांदपोल हनुमानजी, घाट के हनुमानजी, चिट्ठी वाले हनुमानजी, पेट्रोल पंप वाले हनुमानजी जैसे कई मंदिर हैं, जहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्त संकटमोचन के दरबार में सिर झुकाने पहुंचते हैं. ऐसे ही हम आपको आज जयपुर के सबसे प्राचीन और चमत्कारी हनुमान मंदिरों के इतिहास, परंपरा और खास मान्यताओं के बारे में बताएंगे, जहां मंगलवार और शनिवार को लोग सबसे ज्यादा पहुंचते हैं.

एकमात्र ऐसा अनोखा मंदिर जहां काले रूप में विराजमान हैं हनुमान जी

जयपुर के हवामहल के पास चांदी की टकसाल में स्थित काले हनुमान जी का मंदिर प्रसिद्ध है. इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति केसरिया के बजाय काले रंग की है, इसलिए इसे काले हनुमान जी मंदिर कहा जाता है. यह देशभर में एकमात्र ऐसा मंदिर है. मंदिर का निर्माण जयपुर बसावट के समय हुआ और इसकी बनावट ऐतिहासिक महल जैसी है और मूर्ति पूर्वमुखी स्थापित है. कथाओं के अनुसार, हनुमान जी ने शनि महाराज की इच्छा अनुसार काला रंग धारण किया. मंदिर में चमत्कारी नजर का डोरा विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाया जाता है, जिससे उनका स्वास्थ्य और सुरक्षा बनी रहती है.

अकाल पड़ा तो मंदिर में हुआ था अनोखा चमत्कार

जयपुर के चांदपोल बाजार में स्थित चांदपोल हनुमान मंदिर लगभग 1100 साल पुराना है. इसकी स्थापना मीणा शासनकाल में हुई थी और पहले इसे चार बेरियावाले हनुमानजी कहा जाता था. बाद में यह श्री चांदपोल हनुमानजी के नाम से प्रसिद्ध हुआ. कहा जाता है कि अकाल के समय मंदिर के चारों ओर खोदी गई बोरियों से मीठा पानी निकला. सन् 2008 में बम ब्लास्ट के दौरान मंदिर में कोई क्षति नहीं हुई. हनुमानजी की कृपा से यह मंदिर आज जयपुर के प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक है, जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

Add as Preferred Source on Google

बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए प्रसिद्ध हैं यह हनुमान मंदिर

जयपुर की अरावली पहाड़ियों के बीच, गलता तीर्थ के पास स्थित घाट के बालाजी हनुमान जी का 500 साल पुराना मंदिर जयपुर के कुल देवता के रूप में प्रसिद्ध है. पुराने समय में मंदिर के आस-पास कई तालाब और घाट हुआ करते थे, इसलिए इसे घाट के बालाजी कहा जाता है. हनुमान जी की दक्षिणमुखी प्रतिमा यहां स्थापित है. पुजारी और स्थानीय लोग बताते हैं कि बालाजी स्वयं प्रकट हुए थे. मंदिर चमत्कारी माना जाता है और यहां मांगी गई भक्तों की मुराद पूरी होती है. राजा जयसिंह का मुंडन संस्कार यहीं हुआ, जिससे बच्चों के मुंडन संस्कार की परंपरा चलती आ रही है.

पहाड़ियों के बीच बसा हैं यह 300 वर्ष पुराना हनुमान मंदिर

जयपुर के दिल्ली रोड पर अरावली की पहाड़ियों में स्थित खोले के हनुमान जी मंदिर किसी तीर्थ धाम से कम नहीं है. हर दिन हजारों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं. यह स्थान 250 वर्ष पूर्व बाबा श्री निर्मलदासजी की तपोभूमि रही और इसी जगह हनुमानजी की मूर्ति स्वयंभू प्रकट हुई. सन् 1961 में श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की स्थापना के साथ मंदिर भी स्थापित हुआ. मंदिर आठ पहाड़ियों के बीच स्थित है और हनुमानजी संजीवनी बूटी लिए विराजमान हैं. भक्त यहां हनुमानजी को बाबा कहकर पुकारते हैं. प्रसाद में मिश्री मिलाकर वितरित किया जाता है. चारों ओर पहाड़ियों से घिरा होने के कारण यह मंदिर जयपुर में पर्यटन और आस्था का प्रमुख स्थल है.

इस मंदिर में स्वयंभू प्रकट हुए थे वीर हनुमान जी

जयपुर के विद्याधर नगर में स्थित हनुमानजी का यह अनोखा मंदिर विशेष रूप से पापड़ भोग और नजर उतारने के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज एक निर्धन ब्राह्मण बालक ने की थी और यहां हनुमानजी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई. मंदिर घने जंगलों के बीच स्थित है और विशाल प्रांगण में फैला है. खास मान्यता है कि भक्त हनुमानजी को पापड़ का भोग लगाते हैं और त्योहारों पर मूर्ति को पापड़ से सजाया जाता है. यहां दर्शन का कोई निश्चित समय नहीं है. भक्त हर समय हनुमानजी के दर्शन कर सकते हैं और नजर उतारने के लिए झाड़ा लगवा सकते हैं.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :

November 23, 2025, 09:06 IST

homedharm

ये हैं जयपुर के 5 चमत्कारी हनुमान मंदिर, जहां हर दिन उमड़ती हैं भक्तों की भीड़

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj