घर के आसपास आसानी से मिल जाता है ये चमत्कारी पेड़, इसके इस्तेमाल से दूर होती हैं कई बीमारियां..जानें फायदे-उपयोग की विधि

बस्ती: हमारे आसपास कई ऐसे पेड़ पौधे हैं, जिनके औषधीय गुणों की चर्चा करें तो शायद समय कम पड़ जाए. इन पौधों के फल, जड़, तना, फूल, पत्ती और छाल तक तमाम बीमारियों के इलाज में कारगर हैं. यही कारण है कि आयुर्वेद में इनका उपयोग सदियों से होता आ रहा है. आधुनिक विज्ञान भी इनके लाभों को मान्यता देता है. औषधीय गुणों से भरपूर पेड़ पौधे में एक महत्वपूर्ण पेड़ होता है गूलर का पेड़. राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रघुनाथपुर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ BAMS, MS (अमृता विश्वविद्यापीठम यूनिवर्सिटी केरल) लोकल 18 टीम से हुई बातचीत में बताते हैं कि यह आसानी से मिलने वाला पौधा, पित्त दोष को संतुलित करने में प्रभावी है और इसकी तासीर ठंडी होती है. आइए जानते हैं गूलर के पेड़ के विभिन्न फायदों के बारे में:
1. बवासीर में फायदेमंद
डॉ. सौरभ के बताते है कि आयुर्वेद में गूलर का पेड़ से प्रमुख इलाज बवासीर का किया जाता है. बवासीर में इसके दूध का उपयोग किया जाता है. इसके लिए गूलर के दूध को पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, बवासीर में मस्से बढ़ गए हो तो मस्सों पर गूलर के दूध को रूई में भिगोकर लगाने से काफी राहत मिलती है. यह उपाय मस्सों को कम करने और दर्द को शांत करने में काफी प्रभावी है.
2. घाव भरने में सहायक
गूलर का पेड़ घाव भरने में भी बहुत उपयोगी है. डॉ. सौरभ बताते हैं कि यदि शरीर पर कहीं घाव हो जाए, तो गूलर की छाल या पत्तियों का काढ़ा बनाकर उससे घाव को धोने से घाव जल्दी भर जाता है. यह काढ़ा घाव को संक्रमण से बचाने और उसे तेजी से ठीक करने में मदद करता है.
3. डायबिटीज में फायदेमंद
गूलर का पेड़ डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लाभकारी है. इसके लिए गूलर की छाल का काढ़ा बनाकर पीने की सलाह दी जाती है. यह काढ़ा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में सहायक है.
4. ल्यूकोरिया में लाभकारी
महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया की समस्या में भी गूलर का पेड़ लाभकारी है. गूलर की छाल का काढ़ा या इसके अन्य हिस्सों का उपयोग इस समस्या को कम करने में प्रभावी है. यह महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है.
5. मुंह के अल्सर में फायदेमंदमुंह के छालों (अल्सर) से परेशान लोगों के लिए भी गूलर का पेड़ उपयोगी है. इसके लिए गूलर की छाल में कत्था और मिश्री मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है. यह मिश्रण मुंह के छालों को ठीक करने और जलन को कम करने में मदद करता है.
6. मूत्र दोष में फायदेमंद मूत्र संबंधी समस्याओं में भी गूलर का पेड़ लाभकारी है. गूलर की छाल में कत्था और मिश्री मिलाकर सेवन करने से मूत्र दोष में राहत मिलती है. यह मूत्र मार्ग के संक्रमण और अन्य समस्याओं को कम करने में सहायक है.